कोलकाता : सूर्य नमस्कार आसन को सब आसनों का राजा कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। प्रात: काल एक ही आसन सूर्य नमस्कार नियमित कर लें तो हमें और आसन करने की आवश्यकता ही नहीं है। सारा दिन शरीर चुस्त फुर्तीला बना रहेगा, दिल और दिमाग भी अच्छी तरह से काम करेगा।सूर्य नमस्कार कोई नया आसन नहीं है। प्राचीन काल से ही इस आसन को किया जाता था। अपने दिन की अच्छी शुरूआत के लिए सूर्य नमस्कार करना अति उत्तम है। यह 12 आसनों के समावेश से बना होता है। इसके 12 आसन लगातार करने से इस आसन के एक राउंड को पूरा माना जाता है। यदि आप नियमित सूर्य नमस्कार करते हैं तो आप बाकी आसन न भी करें तो ठीक है। इस आसन को करने का लाभ तभी पूरा मिलता है जब इसे सही रूप से किया जाए। लाभ
● प्रात: काल इस आसन को करने से हमारी स्टिफनेस (कंधे के जोड़ों में जो शिथिलता आ जाती है) दूर होती है, शरीर ऊर्जावान होता है और दिमाग शांत होता है।
● अगर आप सूर्यास्त के बाद भी करेंगे तो आप रिलैक्स महसूस करेंगे। नींद अच्छी आएगी।
● सूर्य नमस्कार करने से हमारा पूरा शरीर स्ट्रैच होता है, जोड़ खुलते हैं, जोड़ों में लचक आती है, हमारे उठने बैठने की मुद्राओं में सुधार आता है और शारीरिक रूप से हम फिट रहते हैं। शारीरिक हैल्थ के साथ हमारी मेन्टल हैल्थ में भी सुधार आता है।
● सूर्य नमस्कार करने से हमारे शरीर के सभी सिस्टम प्रभावित होते हैं। इससे हमारा हृदय स्ट्रांग बनता है। पाचन सिस्टम और नर्वस सिस्टम भी मजबूत होते हैं।
● सूर्य नमस्कार से हमारी थाइराइड व पैराथाइराइड ग्रंथियां सुचारु रूप से कार्य करती हैं।
● सूर्य नमस्कार करने से हमारे तनाव दूर होते हैं, मन शांत होता है और ध्यान केंद्रित होता है।
● अनिद्रा की शिकायत होने पर भी सूर्य नमस्कार आपको अच्छी (शांत) नींद लाने में मदद करता है। नियमित अभ्यास करने से आपको नींद की दवा भी नहीं लेनी पड़ेगी। चेहरा कांतिमय बनता है। गर्दन की झुर्रियां भी दूर होती हैं।