कोलकाता : हम लोग भौगोलिक रूप से गर्म क्षेत्र में निवास करते हैं जहां पर गर्मी अधिक पड़ती है जिसके कारण शरीर के तापमान को संतुलित बनाये रखना एक जैविक आवश्यकता है। गर्मी के कारण पसीना निकलता है जो त्वचा में चिपके हुए धूल-मिट्टी के कणों के साथ-मिल कर त्वचा के रोम छिद्रों को बंद कर देता है। इन बंद रोम छिद्रों को खोलने व त्वचा में चिपकी हुई धूल-मिट्टी की सफाई करने के लिए स्नान करना अति आवश्यक है।
स्नान करने की विधि
स्नान करने से पहले शौच, दातुन, मंजन आदि दैनिक कामों को बड़े ध्यान से पूरा करना चाहिए। स्नान के लिए शुद्ध और हल्के पानी का प्रयोग करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि स्नान करने का पानी गंदा न हो। स्नान करने का स्थान भी साफ-सुथरा हो, नमी रहित हो, और उसमें प्रकाश की उचित व्यवस्था हो। वहां पर हवा, ओस व ठंड जरा भी न लगे। प्रतिदिन सुबह शाम स्नान करना चाहिए। इससे शरीर को अधिक सुख व आराम मिलता है। स्नान के पूर्व पानी, साबुन, शैम्पू तेल व उबटनों की यथा स्थान तैयारी कर लेनी चाहिए। स्नान करने के लिए यदि प्राकृतिक वस्तुओं का प्रयोग करना हो तो मूंग की दाल के बेसन को शरीर पर अच्छी तरह मलकर शरीर के मैल को दूर करना चाहिए। उसी प्रकार बाल धोने के लिए रीठा, शिकाकाई की फलियों को उबालकर बनाया हुआ प्राकृतिक शैम्पू या मुलतानी मिट्टी का प्रयोग करना चाहिए। इससे बाल मुलायम होते हैं व चमकदार दिखाई देते हैं।
स्नान का निषेध
स्नान करने की आवश्यकता सदैव बनी रहती है किंतु आप किसी रोग से ग्रसित हों तो बिना वैद्य या डॉक्टर की सलाह से स्नान न करें। सर्दी, जुकाम व ज्वर से पीडि़त हों तो स्नान नहीं करना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो पानी को पहले उबाल लें, फिर हल्का ठंडा करें, फिर उससे स्नान करें। दोपहर के समय स्नान करने से बचें। भोजन के पश्चात स्नान न करें।
स्नान करने के पश्चात
स्नान करने के तुरंत बाद सिर को पोंछ लेना चाहिए। सिर को पोंछते समय जोर से पीछे और सिर के सारे भागों को बराबर पोंछ कर साफ करें। शरीर के सभी अंगों को खूब पोंछकर साफ करें।
गीले शरीर को सूखे कपड़े से पोंछना चाहिए। पोंछने के बाद भीगे कपड़ों को बदलकर साफ व सूखे कपड़ों को पहनना चाहिए।
कपड़े पहनने के बाद सम्पूर्ण शरीर में तेल लगाना चाहिए। तेल लगाते समय हल्की-हल्की मालिश करनी चाहिए।
मालिश करने से पूर्व शरीर को सुगन्धित करने के लिए टेलकम पाउडर का उपयोग करना चाहिए।
स्नान व तनाव
आप अत्यधिक थके हों या तनाव से घिरे हुए हों या आप देर रात पार्टी से आये हुए हों तो आप इस तनाव व थकान से राहत पाने के लिए स्नान कर लें। स्नान पूर्व आप अपनी आंखों को पानी से धोएं और इधर उधर देखें। इस क्रिया को दो-तीन बार दोहरायें। इससे आंखों में पड़े हुए धूल-मिट्टी के कण व गंदगी बाहर निकल आयेगी। स्नान के लिए हल्के गर्म या गुनगुने पानी का उपयोग करें। इससे आप तरोताजा अनुभव करेंगे और सोते समय आपको गहरी और भरपूर नींद आयेगी।
स्नान और सौंदर्य
स्नान शरीर के लिए आवश्यक होने के साथ सौंदर्यवर्द्धक भी है। स्नान से शरीर की सफाई ही नहीं बल्कि त्वचा में निखार भी आता है। सौंदर्य को बनाये रखने के लिए स्नान करते समय न तो अधिक गर्म और न ही अधिक ठंडे पानी का उपयोग करना चाहिए। स्नान के लिए खुशबूदार पानी या स्नान के बाद भीनी-भीनी खुशबू प्राप्त करने के लिए स्नान के पानी में गुलाब, चमेली या चम्पा की पंखुडि़यों को डालें या फिर बाजार में मिलने वाली हल्की खुशबू के पाउडर व द्रव्य का उपयोग करें।
स्नान और विज्ञापन
आपने सिनेमा व टी. वी. में विभिन्न प्रकार के स्नान व नायक नायिकाओं को स्नान करते हुए विज्ञापन दृश्य अवश्य देखे होंगे। इन विज्ञापन दृश्यों का उद्देश्य विभिन्न कंपनियों की प्रसाधन सामग्रियों जैसे साबुन, शैम्पू, पाउडर, तेल आदि का विक्रय करना होता है।
आप न तो इस प्रकार का स्नान कर सकते हैं और न ही परिवार के सदस्य आपको ऐसा करने देंगे। यदि आप विज्ञापनों में दिखाई जा रही सामग्रियों के स्थान पर स्वयं द्वारा निर्मित उबटनों व सौंदर्य-प्रसाधनों का उपयोग करते हैं तो यह मानिये कि ये विज्ञापित सामग्री से श्रेष्ठ ही होंगे।
फिर भी आपको लगता है कि दिखाई जा रही सामग्री आवश्यक है तो पहले उसका उपयोग अति अल्प मात्रा में करें और उससे किसी एक का चुनाव करें। यदि आपने बार-बार विज्ञापन देखकर प्रसाधन सामग्री को परिवर्तित करते रहेंगे तो आप अपनी त्वचा, सौंदर्य, यौवन व बालों का नुकसान ही करेंगे।