कोलकाता : मंगलवार का दिन महाबली हनुमान की पूजा आराधना के लिए समर्पित है। कहा जाता है कि हनुमान जी एक ऐसे देव हैं, जिनकी आराधना से बड़ी से बड़ी ग्रह बाधा का समाधान शीघ्र मिल जाता है। बजरंगबली कलयुग के जीवित देव माने गए हैं। इनकी आराधना शीघ्रफलदायी बताई गई है। भगवान हनुमान की पूजा करने से शनि के बुरे प्रभाव से तो मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों की सारी पीड़ाएं और संकटों को दूर करते हैं। इसलिए उन्हें संकट मोचन नाम से भी पुकारा जाता है। लेकिन हनुमान जी की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए जानते हैं मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के नियम…
मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा सुबह और शाम के समय करनी चाहिए। इस दिन आप सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं।
हनुमान साधना में तन और मन की शुद्धता एवं पवित्रता का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है। हनुमान जी की साधना करने के दौरान ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करना बहुत आवश्यक होता है। साथ ही भगवान हनुमान की पूजा पूर्ण आस्था, श्रद्धा और सेवा भाव के साथ करनी चाहिए।
भगवान हनुमान को तिल या चमेली के तेल में मिले हुए सिंदूर का लेपन करना चाहिए। साथ ही बजरंगबली हनुमान का तिलक करने के लिए केसर के साथ लाल चंदन घिसकर लगाना चाहिए।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन गलती से भी उड़द दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। उड़द का संबंध शनि से है। ऐसे में इस दिन उड़द खाने से शनि मंगल का संयोग आपकी सेहत के लिए कष्टकारी हो सकता है। इसके अलावा मंगलवार को दूध से बनी चीजें दान भी नहीं करनी चाहिए।