कोलकाता : एसएससी मामले में ईडी हिरासत में रह रहे सुजय भद्र ने भले ही इस मामले में ईडी को गुमराह करने की कोशिश की थी लेकिन ईडी की टीम को कई सबूत मिले हैं जिससे यह पता चला है कि नौकरियों की बिक्री का मास्टर प्लान प्राथमिक शिक्षा परिषद के कार्यालय में बनता था। अपने रिमांड लेटर में ईडी ने यह विस्फोटक दावा किया है। नौकरी-बिक्री की प्लानिग के बारे में ईडी को एक अभियुक्त के व्हाट्सएप से पता चला था। प्राथमिक शिक्षा परिषद कार्यालय में कालीघाट के काकू उर्फ सुजय कृष्ण भद्र तत्कालीन परिषद अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य के यहां काम कराने आते थे। कुंतल घोष ने इन 325 लोगों को रोजगार दिलाने के लिए तापस मंडल से 3 करोड़ 25 लाख रुपये लिए थे। ईडी ने रिमांड लेटर में यही दावा किया है। सुजय – मानिक – कुंतल की तिकड़ी का ही कमाल था कि करोड़ों रुपयों की यह गैरकानूनी डिलिंग हो पायी। ईडी का दावा है कि अभी और कई हैं, जो कि पर्दे के पीछे हैं, जल्द ही उन्हें भी बेनकाब किया जाएगा।
नौकरियों की बिक्री का मास्टर प्लान बनता था प्राथमिक शिक्षा परिषद के कार्यालय में, ईडी का नया दावा
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