कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में कल हुये रैगिंग कांड के बाद छात्र की मौत के मामले के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। बेटे के मौत के बाद उसके पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। जब छात्र के पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बुधवार को उनके बेटे ने उन्हें फोन किया था और रो-रोकर उसने कहा था हम उसे वहां से घर ले आयें। इतना कहते हुये वे बिलखने लगे। उन्हें क्या ही पता था कि उनकी आखरी बार अपने बेटे से बात हो रही है।
बेटे की मौत के बाद सदमे में पिता शायद ही कुछ बोल पा रहे थे। वे मेरा बेटा…मेरा बेटा कहकर दहाड़े मार-मारकर रो रहे थे। कांपते हुये आवाज में रामप्रसाद कुंडु ने खुद को संभालते हुये कहा ”उन्होंने मेरे बेटे को बहुत बुरी तरह पीटा। इतना पीटा की उसकी मौत हो गई” । मुझे बुरा लग रहा है कि मैंने बुधवार को अपने बेटे की बात क्यों नहीं मानी और उसे मैं वहां से जाकर क्यों नहीं ले आया। शायद मैं अपने बेटे को अगर वहां से उसी दिन ले आता तो उसकी जान बच जाती।
नग्न और बेहोश होकर पड़ा था बिल्डिंग के नीचे
बंगाली विभाग के स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू को बुधवार देर रात जादवपुर विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास के ए-2 ब्लॉक के नीचे से नग्न और बेहोश पाया गया। गुरुवार सुबह अस्पताल में उसकी मौत हो गई। स्वप्नदीप की असामान्य मौत के मामले में रैगिंग के आरोप लगे हैं। रामप्रसाद ने शिकायत की, ”उनके बेटे की मौत के लिए हॉस्टल के सीनियर्स जिम्मेदार हैं। उन्होंने (सीनियर्स) सोचा होगा कि अगर यह लड़का (स्वप्नदीप) यहां से चला गया, तो सब कुछ उजागर हो जाएगा। इसके लिए उन्होंने उसकी जान ले ली!” स्वप्नदीप नादिया के बोगुला से जादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ने आया था। रामप्रसाद ने बताया कि स्वप्नदीप से फोन पर बात करने के बाद उन्हें समझ आया कि उनका बेटा हॉस्टल में ठीक नहीं है। उन्होंने कहा हमें लगा कि एक ओर दिन का समय बचा हुआ है, उसके क्लास को पूरा होने में। ऐसे में उन्होंने सोचा कि शुक्रवार को ही वे उसे हॉस्टल से घर वापस ले जायेंगे। लेकिन इसी बीच बहुत कुछ हुआ होगा! पिता ने कहा, ”उसने (स्वप्नदीप) थोड़ी गलती की। हमने भी गलती की।
सीनियर्स ने खुब धमकाया होगा
उसकी बात सुनकर मुझे एहसास हुआ कि उस पर बहुत अत्याचार किया जा रहा था। ये सब नहीं होता अगर हम तुरंत हॉस्टल जाकर उसे ले आते। हमने सोचा कि शुक्रवार तक उसकी कक्षाएं होंगी। हमने सोचा, हम जाएंगे और उसे शुक्रवार को ले आएंगे।” पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, स्वप्नदीप ने बुधवार रात करीब 9 बजे अपनी मां को फोन किया। वह बार-बार उसे फोन पर घर ले जाने के लिए कहता रहा। शुक्रवार को रामप्रसाद ने बताया कि बुधवार रात जब रैगिंग चल रही थी तो उन्होंने स्वप्नदीप के मोबाइल पर फोन किया। लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया, बल्कि जब बेटे ने फोन देखा तो कॉल किया। स्वप्नदीप के पिता ने कहा, ”उसने हमारा फोन नहीं उठाया। उधर से कॉल आया तो सीनियर्स उसे (स्वप्नदीप) फोन पर ‘मैं ठीक हूं’ कहने के लिये कह रहे थे और बेटा फोन पर अपने माता-पिता से बात करते वक्त रो पड़ा। वह कहता रहा, ‘मां, मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मुझे घर वापस ले चलो।’
बार-बार कह रहा था ‘मैं समलैंगिक नहीं हूं’
उसने फोन पर अपने बड़े भाई से भी बात की। मेरा बेटा बहुत शांत है। मैंने उसे कभी इस तरह व्यवहार करते नहीं देखा।” छात्रों से बात करने के बाद, जांचकर्ताओं को पता चला कि स्वप्नदीप बुधवार दोपहर से ‘असामान्य’ व्यवहार कर रहा था। वह हॉस्टल में नहीं रहना चाहता था। वह बार-बार तौलिया पहनकर टॉयलेट जा रहा था। वह दूसरों को बताता रहा कि वह ‘समलैंगिक’ नहीं है। अगर ऐसा है तो सवाल उठता है कि वह बार-बार ऐसा क्यों कह रहा था! छात्रों के एक समूह के बयान से पुलिस सूत्रों का दावा है कि जब स्वप्नदीप कूदा तो एक कश्मीरी छात्र उसे रोकने गया, लेकिन पसीने से भीगा होने के कारण हाथ फिसल गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक छात्रा समेत कुछ स्थानीय लोगों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। रामप्रसाद का आरोप है कि रैगिंग के दौरान उनके बेटे को कुछ खिलाया गया होगा। पिता का यह भी दावा है कि स्वप्नदीप के सिर पर रॉड मारकर हत्या की गई होगी। उनके शब्दों में वह नग्न अवस्था में पाया गया था। बहुत अत्याचार किया गया है उस पर। खूब पीटा गया है जिससे उसके सिर में फ्रैक्चर हो गया।
दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भी तैयार
रामप्रसाद ने कहा कि वे बेटे के शव के दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने इस संबंध में पुलिस से भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ”उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। हमने पुलिस से कहा, जो रिपोर्ट पोस्टमार्टम में मिला, क्या उससे काम चलेगा? या फिर शव परीक्षण कराना जरूरी है? पुलिस ने कहा, ”जो मिला है वो पर्याप्त है।”
रामप्रसाद ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, ”मैंने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की। मैंने उन्हें बताया कि मेरा बेटा रैगिंग का शिकार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”मैं आपका बेटा नहीं लौटा सकता। लेकिन मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि दोषियों को सजा मिले”।
Jadavpur University Student Death : … काश उस दिन मैंने अपने बेटे की बात मान ली होती तो …
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