खूंटी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी महिलाओं से आगे आने तथा सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की गुरुवार को अपील करते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति समुदायों की सांस्कृतिक पहचान संरक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने खूंटी में एक कार्यक्रम में कहा कि उन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाइए जो आपके कल्याण के लिए ही प्रारंभ की गई हैं। जब महिला सशक्तीकरण की बात आती है तो झारखंड की आदिवासी महिलाएं अन्य राज्यों की महिलाओं से आगे हैं। झारखंड की आदिवासी महिलाओं ने खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राज्य की महिलाएं देश के आर्थिक विकास में भी योगदान दे रही हैं। राष्ट्रपति ने प्रख्यात आदिवासी शख्सियत बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी में स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों के साथ बातचीत भी की। कार्यक्रम ‘महिला एसएचजी सम्मेलन’ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम और भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ ने आयोजित किया था। बिरसा मुंडा कॉलेज के स्टेडियम में कम से कम 25,000 जनजातीय महिलाओं ने इसमें हिस्सा लिया। राष्ट्रपति इसके बाद रांची में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के दूसरे दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगी। उन्होंने रांची में करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से बने झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन का भी उद्घाटन किया।