8 संदिग्ध आतंकी 1.5 साल में हुए थे रिहा, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका | Sanmarg

8 संदिग्ध आतंकी 1.5 साल में हुए थे रिहा, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका

Supreme Court Of India

कोलकाता: प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। SC ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है और सभी 8 आरोपी सदस्यों की जमानत रद्द कर दी है। PFI के इन 8 सदस्यों पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है।

पिछले साल अक्टूबर में मद्रास हाईकोर्ट ने इन आरोपियों को बेल दे दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई की। SC ने कहा, अपराध की गंभीरता और अधिकतम सजा के तौर पर जेल में बिताए गए सिर्फ 1.5 साल को देखते हुए हम जमानत देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक हैं। अदालत व्यक्तिगत स्वतंत्रता देने वाले आदेशों में हस्तक्षेप कर सकती है, अगर वो गलत आधार पर दिए गए हों।

अधिकतम सजा दी गई और जेल में सिर्फ डेढ़ साल बिताए

जस्टिस त्रिवेदी ने अपने निर्णय में कहा, जांच एजेंसी द्वारा हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है। PFI के इन सदस्यों पर देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। जमानत पर इनकी रिहाई रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अधिकतम सजा दी गई है। जबकि उन्होंने सिर्फ 1.5 डेढ़ साल कारावास में बिताए हैं। इस कारण हम हाईकोर्ट के जमानत पर रिहाई के फैसले में दखल दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  BJP ने भोजपुरी एक्टर पवन सिंह को पार्टी से निकाला, काराकाट से लड़ रहे हैं चुनाव

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल में भी तेजी लाने के निर्देश दिए

कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोच्च है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल में तेजी लाए जाने का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही ये कहा है कि इस जमानत का असर केस की मेरिट पर असर नहीं पड़ेगा। आठ आरोपियों में बरकतुल्ला, इदरीस, मोहम्मद अबुथाहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद का नाम शामिल है। सभी को केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों में धन इकट्ठा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

मद्रास हाईकोर्ट ने दे दी थी जमानत

इससे पहले अक्टूबर 2023 में मद्रास हाईकोर्ट में जस्टिस एसएस सुंदर की डबल बेंच ने कहा था, अभियोजन इस अदालत के समक्ष अपीलकर्ताओं में से किसी एक की आतंकवादी कृत्य में शामिल होने या आतंकवादी गिरोह या संगठन के सदस्य या आतंकवाद में प्रशिक्षण के बारे में कोई भी सामग्री पेश करने में असमर्थ रहा है। जस्टिस सुंदर मोहन ने इन सभी को जमानत दे दी थी।

हाई कोर्ट का कहना था कि पीएफआई को आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। अभियोजन इस अदालत के समक्ष अपीलकर्ताओं में से किसी एक की भी आतंकवादी कृत्य में शामिल होने या किसी आतंकवादी गिरोह या संगठन के सदस्य या आतंकवाद में प्रशिक्षण के बारे में कोई भी सामग्री पेश करने में असमर्थ रहा है।

Visited 68 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर