कोलकाता : ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आसमान में चांद का अद्भुत नजारा दिखेगा। इस नजारे को स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन ही स्ट्रॉबेरी मून दिखाई पड़ता है। इस दिन के चांद का रंग स्ट्रॉबेरी की तरह होगा, जिसके कारण इसे स्ट्रॉबेरी चांद कहा जाता है। खगोल शास्त्रियों के अनुसार, आज चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से निकटता के कारण अपने सामान्य आकार से बड़ा दिखता है। स्ट्रॉबेरी मून को हनी मून भी कहा जाता है। पूर्णिमा के चांद को फुल मून भी कहा जाता है, लेकिन हर पूर्णिमा के चांद को सुपरमून या फूल मून नहीं कहा जा सकता है। 21 जून को आने वाली पूर्णिमा इस बार आम पूर्णिमा से अलग होने वाली है, क्योंकि इस बार स्ट्रॉबेरी मून 20 से लेकर 22 जून के बीच दिखने वाला है, यानी गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार, तीनों दिन चंद्रमा पूरी तरह से गोल दिखेगा और काफी चमकीला होगा।
आदिवासियों ने रखा था स्ट्रॉबेरी मून नाम
उत्तरी अमेरिका के आदिवासियों ने चांद का नाम स्ट्रॉबेरी मून रखा था, क्योंकि ये वक्त स्ट्रॉबेरी फल की कटाई का होता है। ये पूरी तरह स्ट्रॉबेरी के रंग का लाल या एकदम गुलाबी नहीं दिखेगा। ये पीली रोशनी के साथ सोने-सा नजर आएगा और हल्का लाल रंग का भी असर होगा।
गर्मियों में निकलने के कारण स्ट्रॉबेरी मून को हॉट मून भी कहा जाता है। इस समय दुनियाभर में कई जगहों पर गुलाब की फसल लहलहाती है, इसलिए इसे रोज मून भी कहते हैं। वहीं यूरोपियन लोग इसे हनी मून कहते हैं। इस समय मधुमक्खियां शहद के छत्ते तैयार कर चुकी होती हैं। ये समय उनमें से शहद निकालने का होता है।
शादी वाले हनीमून से भी रिलेशन
हनीमून शब्द का इस्तेमाल 1500 सदी से होता आ रहा है। स्ट्रॉबेरी मून के समय ही दुनियाभर में कई देशों में शादियां होती हैं। शादी के बाद अक्सर लोग हनीमून मनाने कहीं न कहीं चले जाते हैं। चांद के अलग-अलग नाम लोगों की मान्यताओं पर आधारित हैं। संस्कृति, समय और त्योहारों की वजह से चांद को अलग-अलग नाम दे दिए गए हैं।