नयी दिल्ली : दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को पूरे देश में पहुंच गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि मानसून राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बाकी हिस्सों में आगे बढ़ गया है। इसने तय समय से 6 दिन पहले सभी राज्यों को कवर कर लिया है। आमतौर पर यह 8 जुलाई को पूरे भारत को कवर करता है। इस बीच उत्तराखंड में उच्च गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित विश्वविख्यात बदरीनाथ मंदिर के ठीक नीचे अलकनंदा नदी के तट पर महायोजना के तहत हो रही खुदाई के कारण सोमवार देर शाम नदी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी और पानी ऐतिहासिक तप्तकुंड की सीमा को छूने लगा जिससे धाम में मौजूद श्रद्धालु सहम गये। हालांकि, कुछ घंटे उफान पर रहने के बाद नदी का जलस्तर सामान्य हो गया। अलकनंदा, बदरीनाथ मंदिर से कुछ ही मीटर नीचे बहती है।लगभग तीन घंटे तक बदरीनाथ मंदिर का ब्रह्मकपाल क्षेत्र खतरे की जद में रहा।बदरीनाथ तीर्थपुरोहित संगठन के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने बताया कि पिछले काफी समय से हमलोग महायोजना के निर्माण कार्यों के कारण बदरीनाथ मंदिर, खासतौर पर तप्तकुंड को होने वाले संभावित खतरे को लेकर स्थानीय प्रशासन को आगाह करते रहे हैं।
असम में बाढ़ से 6.50 लाख लोग प्रभावित
असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही और 6.5 लाख से अधिक लोग इस प्राकृतिक आपदा की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं। इस बीच, भारतीय वायुसेना ने बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले में फंसे 13 मछुआरों को बचाया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भारतीय वायुसेना से डिब्रूगढ़ के हटिया अली में बाढ़ के पानी में फंसे मछुआरों को बचाने का अनुरोध किया था। बाढ़ की मौजूदा लहर में डिब्रूगढ़ जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है और ऊपरी असम का यह प्रमुख शहर लगातार छठे दिन जलमग्न है। यहां ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।असम में लगातार बारिश के बाद रविवार से राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी और 19 जिलों में 6.50 लाख की आबादी प्रभावित हुई है।राज्य में इस साल बाढ़, तूफान और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 45 हो गयी है।
इंफाल वेस्ट में नदी का तटबंध टूटने की आशंका
मणिपुर के ‘इंफाल वेस्ट’ जिला प्रशासन ने नदी के समीप रह रहे लोगों से भारी बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर तटबंध टूटने की आशंका को लेकर सतर्क रहने का अनुरोध किया है। आईएमडी ने ‘मणिपुर में अगले पांच दिन तक भारी से बहुत भारी बारिश’ होने की चेतावनी दी है। सड़कें डूबने से जूनागढ़ के 30 गांवों का संपर्क टूटा : गुजरात के जूनागढ़ जिले में भारी बारिश के कारण करीब 30 गांवों का संपर्क टूट गया है, क्योंकि इन गांवों तक जाने वाली सड़कें जलमग्न हो गयीं हैं। जिले के वंथली में मंगलवार सुबह समाप्त हुए पिछले 24 घंटे की अवधि में 361 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के सौराष्ट्र और दक्षिण क्षेत्र के दस तालुकों में 24 घंटे की अवधि में 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप निचले इलाके जलमग्न हो गये।एनडीआरएफ ने कहा कि उसने जूनागढ़ जिले के केशोद में एक दल भेजा है, ताकि संपर्क टूट जाने के कारण फंसे लोगों की मदद की जा सके। आंकड़े के अनुसार, जूनागढ़ के विसावदर तालुका (336 मिमी), जूनागढ़ तालुका (297 मिमी), जूनागढ़ शहर (297 मिमी) और केशोद तालुका में 24 घंटे में 248 मिमी बारिश दर्ज की गयी। पिछले तीन दिनों से राज्य के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। एनडीआरएफ ने कहा कि उसने भारी बारिश और इसके परिणामस्वरूप जलभराव के मद्देनजर सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात के विभिन्न हिस्सों में 10 दलों को तैनात किया है। पूर्वानुमान के अनुसार, मंगलवार और बुधवार को गुजरात के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी।