PM मोदी ने हेलीकॉप्टर में उतारा जूता, हाथ में टैब लिए देखा रामलला के ‘सूर्य तिलक’ का अद्भुत नजारा

PM मोदी ने हेलीकॉप्टर में उतारा जूता, हाथ में टैब लिए देखा रामलला के ‘सूर्य तिलक’ का अद्भुत नजारा
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के नलबाड़ी से बुधवार (17 अप्रैल) को रामलला के सूर्य तिलक को देखा है। वह यहां चुनावी जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इस बीच समय निकालकर पीएम मोदी ने रामलला के सूर्य तिलक को देखा और कहा कि ये हर किसी के लिए परमानंद का पल है। रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में दर्पण और लेंस से मिलकर बनाए गए एक मैकेनिज्म के जरिए रामलला का सूर्य तिलक किया गया।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दर्शन की तस्वीरों को शेयर किया। इसमें उन्हें हेलीकॉप्टर में बैठकर एक टैबलेट पर रामलला के दर्शन करते हुए देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, "नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।" बता दें कि असम के नलबाड़ी की अयोध्या से दूरी 1100 किमी से ज्यादा है।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहली रामनवमी

नए मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। इस मौके पर दर्पण और लेंस के जरिए किए गए सूर्य तिलक के दौरान सूरज की किरणें भगवान राम की मूर्ति के माथे पर पहुंचीं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें रामलला के माथे पर रोशनी को चमकते हुए देखा जा सकता है। जिन दर्पण और लेंस के जरिए सूर्य तिलक किया गया है, उसकी टेस्टिंग मंगलवार (16 अप्रैल) को की गई थी।

चार-पांच मिनट के लिए हुआ सूर्य तिलक

रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर के प्रवक्ता प्रकाश गुप्ता ने कहा, "लगभग चार-पांच मिनट के लिए रामलला का सूर्य तिलक किया गया। इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे रामलला की मूर्ति के माथे पर केंद्रित थीं।" उन्होंने बताया कि रामनवमी के मौके पर लोगों की भीड़ से बचने के लिए मंदिर प्रशासन ने भक्तों के गर्भगृह में आने पर रोक लगा दी थी। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पहली रामनवमी के मौके पर अयोध्या में भक्तों की भीड़ लगी हुई थी।

हर साल किया जाएगा रामलला का सूर्य तिलक

सीएसआईआर-सीबीआरआई, रूड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डी पी कानूनगो ने बताया कि सूर्य तिलक दोपहर 12 बजे के बाद किया गया। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक डॉ एस के पाणिग्रही ने बताया कि सूर्य तिलक प्रोजेक्ट का मकसद रामनवमी के दिन रामलला की मूर्ति के मस्तक पर तिलक लगाना था। उन्होंने बताया कि हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा।

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