विधेयक में संकेत : 2034 से ही लागू हो पायेगी प्रक्रिया
नयी दिल्ली : सरकार लोकसभा में वित्तीय अनुदान संबंधी कामकाज पूरा करने के बाद ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से संबंधित विधेयकों को पेश करेगी हालांकि एकसाथ चुनाव कराने के लिए प्रस्तावित इस विधेयक में संकेत यही मिलता है कि यह प्रक्रिया 2034 से लागू की जायेगी।
सोमवार के एजेंडे में शामिल नहीं हैं ये विधेयक
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दो विधेयक – संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ राज्यक्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक – सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध थे। उन्होंने बताया कि सोमवार के लिए सूचीबद्ध अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच को सदन द्वारा पारित किये जाने के बाद ये विधेयक इस सप्ताह बाद में पेश किये जा सकते हैं। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संशोधित कार्यसूची में सोमवार के एजेंडे में ये दोनों विधेयक शामिल नहीं हैं हालांकि सरकार लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से अंतिम समय में ‘अनुपूरक कार्य सूची’ के माध्यम से संसद में विधायी एजेंडा पेश कर सकती है। संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा।
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक में क्या है ?
विधेयक में कहा गया है कि आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति लोकसभा की पहली बैठक के दौरान ऐलान करेंगे कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कब से लागू होगा। इसका मतलब यह तारीख 2929 के लोकसभा चुनाव के बाद निर्धारित की जायेगी। ऐसे में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ 2034 से पहले नहीं शुरू हो पायेंगे। विधेयक के अनुसार अगर लोकसभा या किसी विधानसभा में समय से पहले चुनाव करना है तो संसद या फिर विधानसभा को भंग करना पड़ेगा। विधेयक में अनुच्छेद 82 (ए) को शामिल करने का प्रस्ताव है जिसके तहत सभी विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव साथ में कराये जायेंगे। इसके अलावा अनुच्छेद 83 में भी संशोधन करना पड़ेगा। इसमें संसद के सदनों के कार्यकाल की बात कही गयी है। इसके अलावा अनुच्छेद 172 और 327 में भी संशोधन करना होगा। इन अनुच्छेद में विधानसभा के चुनाव के बारे में संसद को नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।
लोकसभा में वित्तीय कामकाज के बाद पेश किया जायेगा ‘एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक’
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