नई दिल्ली : मेक्डॉनल्ड्स इंडिया ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है जो सीधे-सीधे आपके पसंदीदा खाने की चीजों से जुड़ा है। मेक्डॉनल्ड्स इंडिया (उत्तर और पूर्व) ने अपने फूड प्रोडक्ट्स मेन्यू से टमाटर को हटाने का फैसला लिया है। कंपनी ने आज 7 जुलाई को एक बयान जारी करते हुए कहा कि इसने खरीद में दिक्कतों के कारण अस्थाई तौर पर टमाटर को अपने मेन्यू से हटाने का फैसला लिया है। मेक्डॉनल्ड्स इंडिया (नॉर्थ एंड ईस्ट इंडिया) के प्रवक्ता ने कहा कि मौसमी समस्या की वजह से ये फूड चेन अपने फूड मेन्यू में टमाटर को शामिल करने में असमर्थ है।
मेक्डॉनल्ड्स इंडिया की वेस्ट और साउथ फ्रेंचाईजी का क्या है कहना
हालांकि मेक्डॉनल्ड्स इंडिया की पश्चिमी और दक्षिणी फ्रेंचाइजी ने कहा है कि जहां इसके 10 से 15 फीसदी स्टोर्स में टमाटर को खाने के आइटम्स में शामिल करने से रोका गया है, वहीं इन इलाकों में कंपनी कोई गंभीर टमाटर की उपलब्धता से संबंधित समस्या का सामना नहीं कर रही है। इसने ये भी कहा है कि मानसून के दौरान देश में मख्खियों की समस्या बढ़ जाती है और अगर ऐसा होता है तो टमाटर के कमी वाले बैच को नष्ट कर दिया जाता है। मेक्डॉनल्ड्स इंडिया वेस्ट एंड साउथ ने कहा है कि ये एक मौसमी दिक्कत है और हर साल मानसून के दौरान रेस्टोरेंट और फूड इंडस्ट्री को इसका सामना करना ही पड़ता है।
टमाटर की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है
हालांकि मेक्डॉनल्ड्स इंडिया ने ये नहीं कहा है कि टमाटर की अनुपलब्धता के कारण वो ये फैसला ले रहा है। हालांकि ये बात जाहिर है कि देश में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं और फिलहाल इसकी वजह कई राज्यों में हो रही भारी बारिश है। इसके चलते मौसमी दिक्कतों से सप्लाई चेन पर असर पड़ा है, ट्रांसपोर्टेशन से लेकर फसल की क्वालिटी तक पर निगेटिव असर देखा जा रहा है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में टमाटर के दाम 130-155 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचे हैं।
ये एक अस्थाई समस्या है मेक्डॉनल्ड्स इंडिया
मेक्डॉनल्ड्स इंडिया ने अपने पूरे स्टेटमेंट में इस बात का जिक्र किया है कि ये एक अस्थाई समस्या है और कंपनी उन सभी तरीकों को देख रही है जिसके जरिए जल्द से जल्द इसके फूड मेन्यू में टमाटर को वापस शामिल किया जा सके। कंपनी ने ये भी कहा है कि ब्रांड हमेशा से फूड क्वालिटी और सेफ्टी को लेकर सतर्क रहता है और इसी कारण से टमाटरों को फिलहाल फूड मेन्यू से हटाना पड़ रहा है क्योंकि ये कंपनी के वर्ल्ड क्लास क्वालिटी चेक को पास नहीं कर पा रहे हैं।