300 से अधिक लोग हुए जहरीले खाने का शिकार…एक साथ अस्पताल में करना पड़ा भर्ती… | Sanmarg

300 से अधिक लोग हुए जहरीले खाने का शिकार…एक साथ अस्पताल में करना पड़ा भर्ती…

कोच्चि : कोच्चि के निकट कक्कनड में एक आवासीय परिसर में रहने वाले बच्चों सहित 300 से अधिक लोग पिछले कुछ दिनों में भोजन विषाक्तता का उपचार कराने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। जिसके बाद नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने परिसर में पानी की आपूर्ति करने वाले जल स्रोतों का निरीक्षण किया। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने मंगलवार को कहा कि उन्हें एक दिन पहले ही थ्रिक्काकारा नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत आवासीय परिसर में रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में वहां कई सौ लोग बीमार पड़ गए हैं। उन्होंने आगे कहा ‘मैंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इलाके का निरीक्षण करने का आदेश दिया और एर्नाकुलम से एक चिकित्सा दल ने परिसर का दौरा किया तथा वहां सभी जल स्रोतों की जांच की। उन्होंने निवासियों से भी बात की और उन लोगों की सूची बनाई, जो बीमार पड़े और निजी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे।’

क्या है पूरा मामला??

मंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा प्रतीत होता है क्योंकि शहर में हाल के दिनों में दूषित जल की आपूर्ति के मामले सामने आए हैं और हजारों परिवार इस परिसर में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा निदेशालय को जन स्वास्थ्य सुरक्षा कानूनों के अनुसार कदम उठाने के लिए कहा गया है। हालांकि इन फ्लैटों में रहने वाले लोगों ने मुझे बताया कि 700 से अधिक लोग बीमार पड़े लेकिन स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 340 लोगों ने उपचार कराया और वर्तमान में पांच लोग अस्पताल में भर्ती हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने विभिन्न निजी अस्पतालों में उपचार कराया और इसलिए मामले सामने नहीं आ पाये।

नगर निगम वालों ने बताया कि…

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को परिसर से लिए गए पानी के नमूनों के एक दौर के परीक्षण के परिणाम अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं जबकि अपार्टमेंट एसोसिएशन ने दावा किया कि दूषित जल खाद्य विषाक्तता के मामलों का कारण नहीं हो सकता। एसोसिएशन के एक सदस्य ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि सैकड़ों परिवार बाहर से खाना मंगवाते हैं या बाहर जाकर खाते हैं, सार्वजनिक सुविधाओं का उपयोग करते हैं और इसलिए उन्हें कहीं और से भी ये संक्रमण हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि परिसर में सभी जल स्रोतों का परीक्षण किया जा रहा है। यहां रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी के टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है और जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि जल दूषित नहीं है तब तक परीक्षण जारी रहेगा।

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