कोट्टायम: दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में एक बहुमंजिला इमारत में लग गयी। इस भीषण आग में केरल के रहने वाले श्रीहरि की भी मौत हो गयी। मृतक के पिता प्रदीप ने अपने 27 वर्षीय बेटे के हाथ पर बने टैटू को देखकर शव की पहचान की। बता दें कि प्रदीप ने गुरूवार को बताया कि कुवैत के अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल के शवगृह में रखे एक शव की पहचान करने के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, जब मैं वहां गया तो देखा कि उसका चेहरा पूरी तरह सूजा हुआ था और नाक पर कालिख लगी हुई थी। ऐसे में मैं अपने बेटे के शव की पहचान नहीं कर पा रहा था। फिर मैंने अधिकारियों को बताया कि उसके हाथ पर एक टैटू है और उसी के आधार पर श्रीहरि की पहचान की गई। बता दें कि श्रीहरि और उसके पिता दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। प्रदीप पिछले आठ सालों से कुवैत में काम कर रहा था। इससे पहले दिन में परिवार के एक मित्र ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीहरि एक सप्ताह पहले ही कुवैत वापस लौटा था, लेकिन अब उसकी मौत की खबर गांव पहुंची। उन्होंने कहा, ”कुवैत लौटने के मुश्किल से एक हफ्ते बाद ही हमें श्रीहरि की मौत की जानकारी मिली। हमें कल दोपहर को इस बारे में पता चला। विभिन्न समाचार चैनलों पर इस त्रासदी की खबरें प्रसारित होने के बाद श्रीहरि के पिता ने हमें इस बारे में जानकारी दी।’ श्रीहरि के परिवार के एक दोस्त ने बताया कि श्रीहरि के पिता आज केरल लौट सकते हैं और कल श्रीहरि का पार्थिव शरीर भी भारत लाया जा सकता है।
मृतकों में 40 भारतीय…
कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ क्षेत्र में स्थित सात मंजिला इमारत की रसोई में बुधवार को आग लग गयी। इसके कारण 49 विदेशी मजदूरों की मौत हुई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। मृतकों में करीब 40 भारतीय हैं। अब तक न तो केंद्र सरकार, न राज्य सरकार और न ही कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने आग में मारे गए भारतीयों की पहचान की आधिकारिक पुष्टि की है। इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रह रहे थे। गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग तड़के चार बजे के बाद उस समय लगी, जब इमारत में रहने वाले 196 श्रमिकों में से ज्यादातर सो रहे थे।