बेंगलुरु: सूरज की किरणों से जुड़ी जानकारी के लिए भेजे गए सौर्ययान आदित्य एल1 को लेकर एक और अच्छी ख़बर सामने आई है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने आदित्य एल1 की अर्थ ऑर्बिट को चौथी बार बढ़ाने का काम देर रात सफल तरीके से पूरा कर लिया है। इससे अब सूरज से इसकी दूरी में थोड़ी और कमी हो गई है। इसके साथ ही आदित्य एल1 को अब 256 किमी. x 121973 किमी. की नई ऑर्बिट हासिल हो गई है।
नई ऑर्बिट पर शिफ्ट हुआ आदित्य L1
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शुक्रवार (15 सितंबर) को ट्वीट कर इसरो ने इसकी जानकारी दी है। इसरो के ग्राउंड स्टेशनों में शामिल मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इस ऑपरेशन के दौरान आदित्य एल1 को ट्रैक किया। इसके बाद आदित्य एल1 को 256 किमी. x 121973 किमी. की नई ऑर्बिट हासिल हो गई है। इसरो ने बताया है कि आदित्य एल1 की अगली ऑर्बिट बदलने की कार्रवाई 19 सितंबर को लगभग 2 बजे निर्धारित की गई है। बता दें कि इस प्रोसेस को EBN#5 कहा जा रहा है। वो धरती के चारों तरफ उसका आखिरी ऑर्बिट मैन्यूवर होगा। धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा है ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह आगे के सफर को आसानी से पूरा कर सके। इसके बाद अपना यान सूरज की तरफ मौजूद L1 प्वाइंट यानी लैरेंज प्वाइंट की तरफ निकल जाएगा, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण स्थान है। आगे वो करीब 109 दिन की यात्रा हैलो ऑर्बिट में करेगा।
2024 में मिलेगी सूर्य की HD तस्वीर
आदित्य-L1 से सूरज की पहली तस्वीर अगले साल फरवरी या मार्च में मिलने की संभावना है। बता दें कि L1 तक की यात्रा पूरी करने के बाद मिशन में लगे VELC कैमरे सूरज की HD फोटो लेगा। उस समय आदित्य में लगे सारे यंत्र एक्टिव हो जाएंगे। जिसके बाद सूरज के बारे में जानकारी जुटाई जाने लगेगी।