नई दिल्ली: वर्तमान समय में इजराइल के लिए अमेरिका सबसे बड़ा दोस्त साबित हो रहा है। अमेरिका ने ईरान के हमलों को नाकाम करने में भी बड़ी भूमिका मिभाई है। अमेरिका ने इजराइल पर ईरान की तरफ से छोड़े गए 80 से अधिक ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया है। पेंटागन की तरफ से यह जानकारी दी गई है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि इसमें एक बैलिस्टिक मिसाइल और यमन के हूती नियंत्रित इलाकों में नष्ट किए गए सात मानवरहित यान या ड्रोन शामिल हैं जिन्हें छोड़ने से पहले ही नष्ट कर दिया गया।
ईरान की मिसाइलें हवा में हुई नष्ट
ईरान ने इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी हैं। ईरान के लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को इजराइली, अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं ने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले हवा में ही मार गिराया। एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि शनिवार और रविवार सुबह अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने 80 ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलें मार गिराईं जो ईरान और यमन की ओर से इजराइल की ओर छोड़ी गई थीं।
इजराइल की मदद के लिए प्रतिबद्ध
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ईरान का दुर्भावनापूर्ण और लापरवाह बर्ताव क्षेत्रीय स्थिरता और अमेरिका एवं उसके गठबंधन बलों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ईरान के इन खतरनाक कृत्यों के खिलाफ इजराइल की रक्षा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी क्षेत्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’’
G7 देशों ने की ईरानी हमले की निंदा
इस बीच G7 देशों के नेताओं ने इजराइल के खिलाफ ईरान के सीधे हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ने का खतरा है। इजराइल ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन’’ बताया है। वहीं, ईरान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए यह अभियान शुरू किया।