ब्रह्मपुत्र पर भूकंप जोन में बनायेगा ‘थ्री गार्जेस डैम’ से तीन गुना बड़ा बांध, बन सकता है तबाही का कारण
नयी दिल्ली : दुनिया के भूविज्ञानियों ने आशंका है कि चीन का तिब्बत में तीव्र भूकंप संभावित क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने का इरादा विनाश को दावत देना है। अगर यह बांध बन जाता है तो यह भारत और बांग्लादेश के लिए तबाही की कारण बन सकता है। यही नहीं इसी बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन में मौजूद अब तक के सबसे बड़े बांध ‘थ्री गार्जेस डैम’ से पृथ्वी की घूमने की गति प्रभावित हो गयी है।
धरती की घूर्णन गति में बदलाव चिंता का कारण
हालांकि चीन ने दावा किया है कि ब्रह्मपुत्र पर प्रस्तावित बांध से भारत और बांग्लादेश पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन हाल ही में तिब्बत में आये तेज भूकंप से मची तबाही के बाद लोग इस बांध को लेकर काफी चिंतित हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नासा ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन में मौजूद अब तक के सबसे बड़े बांध ‘थ्री गार्जेस डैम’ की वजह से धरती की घूमने की रफ्तार 0.06 माइक्रोसेकंड कम हो गयी है। नासा ने यह भी कहा है कि एक बांध की वजह से धरती की घूर्णन गति में आया यह बदलाव भले ही मामूली लगता हो लेकिन यह चिंता का कारण बन सकता है। भौगोलिक मानचित्र बदलने की कोशिश की वजह से अगर प्रकृति में इतना बड़ा बदलाव आ रहा है तो यह प्रलय का संकेत भी हो सकता है। पृथ्वी की घूमने की गति से न केवल ग्रहीय बल्कि अंतरग्रहीय गतिविधियां भी जुड़ी हो सकती हैं।
‘थ्री गार्जेस डैम’ से तीन गुना बड़ा होगा नया बांध
रिपोर्ट के अनुसार नासा का कहना है कि जब बांध में बड़ी मात्रा में जल जमा हो जाता है तो धरती पर भार का वितरण बदल जाता है। ऐसे में जड़त्व आघूर्ण पैदा होता है जो कि घूर्णन गति को कम करने का काम करता है। अगर भार ध्रुवों की ओर खिसक जाये तो घूर्णन गति बढ़ जायेगी और जब यह भूमध्य रेखा की ओर होता है तो रफ्तार कम हो जाती है। चीन का ‘थ्री गार्जेस डैम’ यांग्त्जी नदी पर बना है। यह 607 मीटर ऊंचा और 2 किलोमीटर लंबा है। इससे चीन बड़ी मात्रा में बिजली पैदा करता है। चीन का नया बांध ‘थ्री गार्जेस डैम’ से तीन गुना बड़ा होगा। इससे 34 गीगावाट बिजली बनाने की तैयारी है।
चीन के ‘थ्री गार्जेस डैम’ ने बदल दी है धरती की घूर्णन गति!
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