वाशिम : महाराष्ट्र के वाशिम जिले से एक हैरान करने वाली खबर आई है। जहां सार्सी गांव में एक भैंस ने अपने चारे के साथ करीब ढाई तोले का सोने का मंगलसूत्र निगल लिया। हालांकि कई घंटे तक चली सर्जरी के बाद 25 ग्राम का मंगलसूत्र भैंस के पेट से निकाल लिया गया। पशुचिकित्सक डॉ. बालासाहेब ने बताया, 27 सितंबर को किसान रामहरि भोयर अपने खेत से ताजा सोयाबीन तोड़कर लेकर घर आए थे। भोयर के पास एक छोटा सा खेत है और वें एक भैंस के मालिक है।
घर की महिलाओं ने सोयाबीन की फलियां छीलने के बाद छिलकों को एक थाली में इकट्ठा किया। इसके बाद भोयर की पत्नी गीताबाई ने उस थाली को अपने कमरे में रख दिया। शाम को गीताबाई ने अपनी भारी भरकम सोने की मंगलसूत्र उतारकर गलती से उसी थाली पर रख दी।
भैंस को खिला दिया छिलका, तब …
#WATCH महाराष्ट्र:वाशिम ज़िले के एक गांव में भैंस के द्वारा सोने का मंगलसूत्र खाने की घटना सामने आई है। ऑपरेशन से 25 ग्राम का मंगलसूत्र निकाला गया।
पशु चिकित्सा अधिकारी बालासाहेब कौंदाने ने बताया, ” मेटल डिटेक्टर से पता चला कि भैंस के पेट में कोई धातु है। 2 घंटे ऑपरेशन चला,… pic.twitter.com/AlM8cpamMc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 1, 2023
अगले दिन 28 सितंबर को घर के एक सदस्य ने भैंस को सोयाबीन का छिलका खिला दिया। बाद में दोपहर को परिवार को एहसास हुआ कि सोने का मंगलसूत्र गायब है। इसके बाद काफी खोजबीन की गयी, लेकिन मंगलसूत्र नहीं मिला। भोयर ने कहा, “शुरुआत में हमें लगा कि मंगलसूत्र चोरी हो गयी है, लेकिन बाद में पता चला कि भैंस ने सोयाबीन के छिलकों के साथ सोने की मंगलसूत्र भी खा ली है। इसके बाद हम भैंस को लेकर स्थानीय पशु चिकित्सक के पास गए।
मेटल डिटेक्टर से की गई जांच
“रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय पशु चिकित्सक ने भोयर को अपनी भैंस वाशिम के अनुभवी पशुचिकित्सक (सर्जन) डॉ. बालासाहेब के पास ले जाने की सलाह दी। जब मेटल डिटेक्टर का उपयोग करके डॉ. बालासाहेब ने भैंस के पेट की जांच की तो अंदर कुछ धातु होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनकी टीम ने धातु के सटीक स्थान की पुष्टि के लिए भैंस की सोनोग्राफी की। अंततः 2.5 लाख रुपये के सोने का मंगलसूत्र निकालने के लिए भैंस का ऑपरेशन किया गया।
60-65 टांके लगाए गए
डॉ. बालासाहेब ने बताया कि 29 सितंबर को भैंस की सफल सर्जरी की गयी। 2 घंटे ऑपरेशन चला, जिसमें 60-65 टांके आए है। ऑपरेशन के लिए उसी सर्जिकल तकनीक का उपयोग करके सोने की चेन को सफलतापूर्वक बरामद कर लिया गया, जिसका उपयोग शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक, धातु, सिक्के और अन्य खतरनाक वस्तुएं खाने वाली देसी गायों की सर्जरी करने के लिए किया जाता है।