एम्स के डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, SC के आश्वासन के बाद काम पर लौटे | Sanmarg

एम्स के डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, SC के आश्वासन के बाद काम पर लौटे

कोलकाता : कोलकाता में डॉक्टर से रेप और मर्डर केस के खिलाफ आंदोलन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बड़ा ऐलान किया है( सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 11 दिन से जारी हड़ताल खत्म कर दी है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फाइमा) से संबंधित रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ऑल इंडिया लेवल की बैठक चल रही है। इसमें भी हड़ताल खत्म करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है। उधर, कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ बात करने का निर्देश दिया है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई थी। रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। दिल को झकझोर देने वाली इस घटना के खिलाफ 11 दिन से प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन करने वाले इन डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

न्याय और चिकित्सा को रोका नहीं जा सकता

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से सामान्य कामकाज बहाल का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि न्याय और चिकित्सा को रोका नहीं जा सकता। कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पोर्टल खोलने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के सचिव को दिए गए इस निर्देश में कहा गया है कि ताकि वो इसके जरिए डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में नेशनल टास्क फोर्स को सुझाव दे सकें।

नेशनल टास्क फोर्स का गठन

कोलकाता कांड का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था। इसका मकसद डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा व सुविधाओं को सुनिश्चित करना है। इसके लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाना है। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना से देशभर में आक्रोश है। देश के हर राज्य में प्रदर्शन हुए। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा को राष्ट्रीय हित का मामला बताया था। इस घटना को भयावह करार देते हुए कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी करने और हजारों उपद्रवियों को सरकारी सुविधा में तोड़फोड़ करने देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना भी की थी। आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने गुरुवार को फैसला किया कि वो कोलकाता कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान मामले में हस्तक्षेप करने के लिए एक आवेदन दायर करेगा. आईएमए टास्क फोर्स के सामने पेश होने के लिए दस्तावेज भी तैयार कर रहा है।

आईएमए ने अपने पत्र में कहा है कि उसने बुधवार को दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के साथ बैठक की। स्थिति पर अपना आकलन दे दिया है। आईएमए आरडीए का समर्थन करता है। सही समय पर जानकारी साझा करेगा। टास्क फोर्स के सदस्यों को जानकारी देने के लिए अलग-अलग टीम बनाई जा रही हैं। आईएमए ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी लेटर लिखा था। इसमें कहा था कि डॉक्टरों पर हमलों से निपटने के लिए कानून लाने की जरूरत है।

 

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