Kolkata Metro: एस्प्लेनेड-सियालदह के बीच कितना हुआ मेट्रो का काम, कब से होगी शुरुआत ? | Sanmarg

Kolkata Metro: एस्प्लेनेड-सियालदह के बीच कितना हुआ मेट्रो का काम, कब से होगी शुरुआत ?

कोलकाता: हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड मेट्रो के उद्घाटन के बाद लगातार यहां से यात्रा करनेवालाें की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। वहीं इन भीड़ में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें हावड़ा मैदान से सीधे सियालदह तक का सफर करना है। मगर सेवाएं केवल एस्प्लेनेड तक सीमित होने के कारण लोग केवल धर्मतल्ला तक ही सफर कर पा रहे हैं। एस्प्लेनेड से सियालदह तक के बीच मेट्रो के शुरू होने से यह गेम चेंजर साबित होगा। दरअसल हावड़ा मैदान व हावड़ा स्टेशन से लाखों लोग काम के लिए सियालदह व साल्टलेक सफर करते हैं। ऐसे में मेट्रो रेलवे की ओर से कहा गया है कि आगामी दुर्गापूजा के आसपास एस्प्लेनेड से सियालदह तक भी मेट्रो सेवा शुरू हो सकती है। एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच 2.5 किमी की दूरी पर अंडरग्राउंड टनल, के बीच एक क्रॉस-मार्ग और एक यात्री निकासी शाफ्ट का निर्माण लगभग अंतिम चरण में है, जिसमें बहूबाजार क्षेत्र में 2019 और 2022 में दुर्गा पितुरी लेन और मदन दत्ता लेन में धंसने की तीन घटनाएं देखी गईं। मई के अंत तक इनके पूरा होने की संभावना है, इसके बाद इलेक्ट्रिकल और सिग्नलिंग सिस्टम की स्थापना होगी। केएमआरसीएल के एमडी वी. के. श्रीवास्तव ने कहा कि एस्प्लेनेड-सियालदह सेक्शन में इस साल अक्टूबर तक कॉमर्शियल सर्विस के लिए तैयार हो जाएगा। वहीं एस्प्लेनेड से सियालदह तक मेट्रो परियोजना आंशिक रूप से अंडरग्राउंड दो टनल के बीच संचार की सुरक्षा के लिए 4 क्रॉस पैसेज परियोजना का निर्माण केएमआरसीएल शुरू कर चुका है। आशंका है कि पिछले 2 फेज की तरह उन 4 क्रॉस पैसेज के निर्माण के दौरान भी अंडरग्राउंड पानी निकलेगा तो कुछ नुकसान संभव है।

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आपातकालीन स्थिति में यात्रियों के निकालने के लिए 8 क्रॉस पैसेज का निर्माण : वहीं अब इस लक्ष्य को हासिल करने में बहूबाजार का काम पूरा होना एक बड़ा खतरा बन गया है। चूंकि एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच ईस्ट वेस्ट मेट्रो परियोजना में कोई स्टेशन नहीं है। इसलिए आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों को मेट्रो टनल से निकालने के लिए कुल 8 क्रॉस पैसेज का निर्माण किया जाएगा। इस मेट्रो मार्ग के टनल निर्माण के दौरान, टनल बोरिंग मशीन ने एस्प्लेनेड से सियालदह तक प्रत्येक 500 मीटर पर एक अर्थात कुल 8 क्रॉस मार्ग बनाए हैं। इस क्रॉस पैसेज का काम दो टनल के बीच होना है। अगर मेट्रो की आवाजाही के दौरान कोई दिक्कत आती है तो यात्रियों को इसी क्रॉस पैसेज के जरिए एक लाइन से दूसरी लाइन पर लाया जाता है। इसलिए क्रॉस पैसेज रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

बाकी बचे क्रॉस पैसेज के निर्माण में हो सकता है फिर नुकसान : उन 8 क्रॉस पैसेज में से 4 क्रॉस पैसेज का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। इस दौरान शाफ्ट की लंबाई 38 मीटर थी और दुर्घटना के समय 29 मीटर का निर्माण पूरा हो चुका था। 14 अक्टूबर, 2022 को दो टनल को जोड़ने के लिए एक क्रॉस मार्ग के निर्माण के दौरान पानी का रिसाव हुआ। सियालदह से क्रॉस पैसेज नंबर 1 और 3 के निर्माण के दौरान जमीन के अंदर से पानी निकल सकता है। फिलहाल जिन दो जगहों पर ये क्रॉस पैसेज बनाया जा रहा है वे बेहद खतरनाक इलाके हैं।

रिपोर्ट- मेघा शर्मा

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