बंगाल की छवि बिगाड़ना चाहते हैं कुछ लोग : ममता | Sanmarg

बंगाल की छवि बिगाड़ना चाहते हैं कुछ लोग : ममता

कोलकाता: कई दुर्गा पूजा समारोहों का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि कुछ लोग दुनिया के सामने राज्य की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने चेतला अग्रणी क्लब से कई जिलों में बड़ी संख्या में दुर्गा पूजा समारोहों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘जो लोग दुनिया के सामने बंगाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को ‘मां’ करार देते हुए और किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कोई भी ‘मां’ का अपमान करके आगे नहीं बढ़ सकता। दक्षिण कोलकाता के 95 पल्ली में दुर्गा पूजा का उद्घाटन करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं संघर्ष का मतलब जानती हूं, संघर्ष कैसे शुरू किया जाता है और इसे कैसे समाप्त किया जाता है।’’ उत्तर कोलकाता के हातीबागान में दुर्गा पूजा का उद्घाटन करते हुए बनर्जी ने राज्य के लोगों को ‘देवी पक्ष’ के शुरू होने पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पार्टी के मुखपत्र के जरिये कहा है कि आरजी कर की घटना ने उनके हृदय को तार-तार कर दिया है। सीएम ममता ने पार्टी के मुखपत्र जागो बांग्ला के विशेष फेस्टिवल अंक में आरजी कर के मुद्दे पर अपने विचार लिखे। इसमें उन्होंने कहा है कि इस घटना ने मेरे हृदय को तार तार कर दिया है। मैं उस दर्द को समझ सकती हूं। दुर्भाग्य से विपक्ष इतने गंभीर मुद्दे का भी राजनीतिकरण कर रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि अगर हम वास्तव में इस भयानक अपराध की शिकार अपनी मां और बहनों को न्याय दिलाना चाहते हैं, तो इतना कठोर, समयबद्ध, बलात्कार विरोधी कानून लाना जरूरी है। इस उद्देश्य से हमने ‘अपराजिता’ विधेयक पारित करके कानून लाने का बीड़ा उठाया है। ममता ने इस संदर्भ में केंद्र के असहयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनका उदासीन रवैया देखकर मैं समझ गयी कि जो करना है वह हमें करना है। उनका काम बंगाल को बदनाम करना है। उन्होंने विपक्षी सीपीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन वे हत्यारे हैं, लाशों के सौदागर हैं, जो हम भूले नहीं हैं।

कम बोलें और ज्यादा काम करें : इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नाम लिये बगैर जूनियर डॉक्टरों को संदेश भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग जनता की सेवा करते हैं, वे चुपचाप काम करते हैं। और जो काम नहीं करते, वे ज़्यादा बोलते हैं। मैं चाहती हूं, कम बोलें, ज्यादा काम करें।

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