कोलकाता : नये साल के स्वागत में रात 12 बजे से लोगों ने पटाखे जलाना चालू किया जो देर रात तक चला। इस कारण कोलकाता में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि देर रात पटाखे जलाने के बाद ही शहर के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के कुछ स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (पीएम 2.5) बढ़कर 250 पर पहुंच गया था। काली पूजा व दिवाली की रात की तरह ही न्यू ईयर की रात धुएं से पूरा इलाका ढक गया था। हालांकि सोमवार की सुबह यह कुछ कम हो गया, लेकिन कुछ स्थानों जैसे कि बालीगंज और जादवपुर में वायु गुणवत्ता रात 1 बजे तक खराब ही रही। पीसीबी के अधिकारियों ने कहा कि विक्टोरिया मेमोरियल के एयर मॉनिटरिंग स्टेशन पर एक्यूआई कुछ बेहतर यानी 199 दर्ज किया गया। वहीं रवींद्र सरोवर में एक्यूआई 161 और विधाननगर में 152 एक्यूआई दर्ज किया गया। यहां उल्लेखनीय है कि 200 और इससे अधिक एक्यूआई को ‘खराब’ कहा जाता है जबकि 100 से 199 तक एक्यूआई को ‘मॉडरेट’ कहते हैं। हालांकि दोनों ही मामलों में सांस संबंधी तकलीफ बढ़ जाती है। बताया गया कि पटाखे जलाने के साथ ही जाड़े के मौसम में हवा में पर्टिकुलेट मैटर भी होते हैं। इसके अलावा ईएम बाईपास, जेएल नेहरू रोड, शरत बोस रोड और सेक्टर – 5 में वाहनों की संख्या बढ़ जाने के कारण कुछ घण्टों के लिये ऐसी स्थिति हो गयी। वहीं सोमवार को दोपहर 12 बजे माैसम साफ होने के बाद औसत एक्यूआई स्तर कम होकर 170 पर आ गया।
यह कहा पर्यावरणविद ने
पर्यावरणविद सौमेंद्र मोहन घोष ने कहा कि शहर में एक्यूआई पिछले साल के स्तर की तुलना में बेहतर रहा। एक साल पहले इस दिन विधाननगर में एक्यूआई 314, रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में 319, विक्टोरिया मेमोरियल में 303 और बालीगंज में 269 दर्ज किया गया था।
अस्पताल इलाकों को भी नहीं बख्शा गया
अस्पताल इलाकों को ‘साइलेंस जोन’ कहा जाता है, लेकिन नये साल पर यहां ध्वनि प्रदूषण 40 डेसिबल से अधिक हो गया। एसएसकेएम अस्पताल इलाके में रात 12 बजे के बाद ध्वनि की मात्रा 50.9 डेसिबल थी जबकि आरजी कर इलाके में 60.8 डेसिबल पर पहुंच गयी थी। यहां उल्लेखनीय है कि नये साल के स्वागत के लिये रात 11.55 से 12.30 बजे तक का समय ग्रीन पटाखे जलाने के लिये दिया गया था, लेकिन इस समय सीमा को पार करते हुए देर रात तक पटाखे जलाये गये।