कोलकाता : हावड़ा स्टेशन के पास मौजूद अधिकांश होटलों का गंदा पानी सीधे हुगली नदी में जा रहा है। पर्यावरणविद सुभाष दत्ता की ओर से इस संबंध में एनजीटी में मामला दायर किया गया था। सितम्बर को स्टेशन से संलग्न होटलों का दौरा कर पाया गया कि यहां कुल 14 होटल हैं जिनमें से 3 होटलों ने ‘कंसेंट टू ऑपरेट’ का सर्टिफिकेट ‘ग्रीन’ कैटेगरी के तहत लिया है। होटलों में खाना बनाने व बर्तन धोने के लिए आवश्यक पानी की सप्लाई हुगली नदी जलपथ परिवहन समवाय समिति से होती है। 3 हाेटलों ने प्रोसेस एफ्लुएंट के लिए ट्रीटमेंट के लिए ईटीपी (एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) इंस्टॉल किया है। वहीं 07 होटल ऐसे हैं जिन्होंने प्रक्रिया अपशिष्ट के लिए कॉमन पाइप लगायी है जिसका पानी सीधे हुगली नदी में जा रहा है। एक होटल का गंदा पानी हावड़ा रेलवे के ईटीपी से ट्रीटमेंट होता है और उसके बाद पानी नदी में जाता है। ग्राहकों के लिए पीने का पानी बड़े-बड़े जार में बाहर से लाया जाता है। एफिडेविट में कहा गया है कि सभी होटलों में खाना बनाने और देने का काम प्रांगण के अंदर ही किया जाता है। कोयला अथवा एलपीजी से खाना बनाया जा रहा है जिससे काफी धुआं निकलता है। होटलों से बनने वाला सॉलिड वेस्ट हावड़ा नगर निगम कंजरवेंसी के द्वारा निपटान किया जाता है। कुछ होटलों ने नदी के किनारे अतिक्रमण कर बांस का निर्माण कर लिया है। जांच में पता चला कि कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट से होटलों ने किराये पर जमीन ली है।
Kolkata News: गंगा को मैली कर रहा हावड़ा के होटलों का पानी
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