एमएमआईसी ने एनजीओ और कोलकाता पुलिस के साथ की बैठक
फिलहाल कोलकाता में हैं कुल 11 शेल्टर होम
दुर्गापूजा से पहले तैयार किया जायेगा 2 और शेल्टर होम
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा फुटपाथ से हॉकरों को हटाये जाने के निर्देश के बाद अब फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को लेकर कोलकाता नगर निगम ने चिंता जताते हुए उन्हें आशियाना देने की बात कही है। निगम द्वारा उन्हें फुटपाथ से हटाकर निगम के शेल्टर होम में शिफ्ट किया जायेगा। गुरुवार को एमएमआईसी मिताली बनर्जी ने कोलकाता के कई एनजीओ और कोलकाता पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने पुलिस और समाजसेवी संगठनों को फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को केएमसी के ‘शेल्टर होम’ में रखने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह खुद कुछ इलाकों का दौरा करेंगी और वहां फुटपाथ पर रहने वाले लोगों से बात कर उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट करेंगी। उन्होंने कहा कि फुटपाथ पर रहने वाले लोगों को जबरन नहीं बल्कि समझा-बुझा कर शेल्टर होम में शिफ्ट किया जायेगा। मालूम हो कि महानगर में प्रतिदिन फुटपाथ पर रहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। गिरीश पार्क, सेंट्रल एवेन्यू, कालीघाट समेत कई जगहों पर ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। एमएमआईसी मिताली बनर्जी ने इस दिन कोलकाता पुलिस से अनुरोध किया कि वह ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें शेल्टर होम में स्थानांतरित करें ताकि महानगर के फुटपाथ खाली और सुंदर दिख सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोलकाता में 11 शेल्टर होम हैं और दुर्गापूजा से पहले 2 और तैयार किये जायेंगे। फिलहाल गैलिफ स्ट्रीट, टाला पार्क में 2, कैनल वेस्ट में 2, अम्हर्स्ट स्ट्रीट, काली टेंपल रोड, चेतला समेत, बोरो 3, बोरो 12, बोरो 10 में शेल्टर होम हैं।
जानकारी के अभाव में रहते हैं फुटपाथ पर
फुटपाथ पर रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें निगम के शेल्टर के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए वह लोग फुटपाथ पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक छत के नीचे रहना चाहते हैं। अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर रहने वाले ने कहा कि पूरे परिवार के साथ सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे कौन रहना चाहेगा, लेकिन अगर उन्हें रहने की जगह मिलेगी तो यह अच्छी बात है। वहीं शेल्टर होम के एक प्रबंधक ने कहा कि हम बेघर लोगों को यहां रहने देने से पहले स्थानीय पुलिस द्वारा बताई गई बातों पर निर्भर करते हैं। हम उन जगहों के दुकानदारों से भी बात करते हैं जहां बेघर लोग अपना दिन बिताते हैं, ताकि उनके बारे में पता चल सके।