एनडीआरएफ, दमकल से लेकर डीएमजी की टीम डटी रही
गार्डनरिच में 4 मंजिली इमारत ढहने के बाद मलबे में दबे लोगों को निकाला जा रहा है
कुछ मिनटों में बिल्डिंग बदल गई मलबे मेंरातभर गूंजती रही एम्बुलेंस की आवाज
कोलकाता : गार्डनरिच का पहाड़पुर इलाका। संकड़ी गलियां और घनी आबादी। रात में करीब 11.50 बज रहे थे। किसी को अंदेशा भी नहीं था कि चंद मिनटों में चारों ओर चीख – पुकार मच जायेगी। कईयों की जान चली जायेगी। वह रात काल बन जायेगी। हरिबाबू पल्ली लेन जहां 4 तल्ले का निर्माणाधीन इमारत ताश की पत्तों की तरह ढह गयी। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिला।स्थानीय एक व्यक्ति ने सन्मार्ग =से बातचीत में कहा कि रात में लगभग लोग जगे ही थे। यह हादसा उनके अनुसार 5 मिनटों में हो गया। उसने कहा कि अधिकतम 5 – 7 मिनटों में पूरी इमारत मलबे में बदल गयी। यह बेहद ही दर्दनाक हादसा है। इमारत का हिस्सा सटे हुए टाली के घरों पर गिर गये। साथ ही आसपास के कई बिल्डिंगों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। जो बिल्डिंग गिरी उसे के नजदीक ही उसका भी घर है। उसके आंखों के सामने हुए इस हादसे ने पूरीत रह से झक्झोर कर रख दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत के ढहने पर एक तेज आवाज आयी और पूरे इलाके में धूल का गुबार छा गया।सोने जा रहा था कि अचानक जोर की आवाज से दहल गयास्थानीय निवासी मो. असलम ने सन्मार्ग से बातचीत में बताया कि वह लगभग सोने जाने की तैयारी में था। तभी अचानक इतनी जोर की आवाज आयी कि पूरा इलाका दहल गया। लोगों की चीख – पुकार आने लगी। पहले तो हमें समझ में ही नहीं आ रहा था कि आखिर कहां से इतनी तेज आवाज आयी। घर से बाहर निकला तो देखा कि काफी भीड़ लगी हुई है। पूरी की पूरी बिल्डिंग ही गिरी हुई है। उसके बाद हमलोग मदद के लिए आगे आये।निर्माणाधीन बिल्डिंग में कई श्रमिक थेजैसा कि यह बिल्डिंग निर्माणाधीन थी। यहां काम जारी था। लोगों का कहना है कि बिल्डिंग में कई श्रमिक रह रहे थे। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कई श्रमिक फंसे हो सकते हैं। मरने वालों में एक श्रमिक भी बताया जा रहा है।घटनास्थल पर फायर, एनडीआरएफ, डीएमजी सहित कई दल राहत बचाव कार्य में जुटे रहे। आपदा प्रतिक्रिया दल के एक अधिकारी ने घिनजी इलाका होने के कारण राहत कार्य में मशक्कत करनी पड़ी। एनडीआरएफ टीम के एक अधिकारी ने कहा कि हमारी टीम लगातार घटनास्थल राहत कार्य में जुटी हुई है। एक अधिकारी ने कहा कि मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए अत्याधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है।