कोलकाता : सर्दियां शुरू होने से पहले ही कोलकाता के निजी अस्पतालों में निमोनिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। वहीं, निमोनिया की रोकथाम के लिए जरूरी न्यूमोकोकल टीकों की कमी ने इस संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका को बढ़ा दिया है। विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर मंगलवार को पल्मोनोलॉजिस्ट्स ने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए टीकाकरण और शुरुआती लक्षणों की पहचान बेहद जरूरी है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों में जो हर साल इस मौसम में इस बीमारी का शिकार होते हैं।
डॉक्टरों की सलाह : बेल व्यू क्लिनिक के कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. राहुल जैन ने कहा कि सर्दी का सीजन आते ही निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को यह सबसे अधिक परेशान करता है। 60 वर्ष से अधिक के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। जो लोग लीवर, हार्ट, किडनी से संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें खास तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए। निमोनिया का टीका उपलब्ध है। इससे बचा जा सकता है। आरएन टैगोर हॉस्पिटल, मुकुंदपुर के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट सुजन बर्धन के अनुसार, इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज से गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।”