राज्य में अधिक हो रहे हैं डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम के मामले
काेलकाता : पश्चिम बंगाल में इस साल डेंगू ने काफी आतंक फैलाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान इस बार डेंगू का आतंक और बढ़ने की संभावना है। वहीं इस बार डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम के मामलों ने आतंक और बढ़ा दिया है क्योंकि इसमें लोगों के शरीर का अंग तक काम करना बंद कर सकता है। अभी तक डेंगू का मतलब लोग बुखार होना और प्लेटलेट कम हो जाना समझते थे। इसके आधार पर ही इलाज किया जाता था। हालांकि इस बार डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम ने डॉक्टरों की परेशानी बढ़ा दी है। डॉक्टराें का कहना है कि इस मौसम में डेंगू एक्सपैंडेड सिन्ड्रॉम का आतंक बढ़ा है।
यह होते हैं लक्षण : डॉ. राहुल जैन ने बताया कि शरीर में पीसीवी बढ़ने के लक्षणों में यूरीन नहीं होना या फिर गाढ़ा होने के अलावा पीले या अन्य रंग का यूरीन होना शामिल है। इसके अलावा चक्कर आना भी पीसीवी बढ़ने का लक्षण होता है। इसके अलावा थकान, कमजोरी, पीली त्वचा, सांस की तकलीफ आदि भी पीसीवी बढ़ने के लक्षण हैं।
डेंगू में पीसीवी टेस्टिंग भी जरूरी : डॉ. ने बताया कि डेंगू में रोजाना प्लेटलेट्स की चेकिंग के साथ पीसीवी टेस्टिंग काफी जरूरी होती है। इसके अलावा डेंगू में अधिक से अधिक फ्लूइड जैसे कि पानी, मट्ठा, जूस आदि पीने की सलाह दी जाती है।
वायरस म्यूटेशन के कारण बढ़े मामले : इस बार डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम के मामले अधिक आ रहे हैं। डॉ. राहुल जैन का कहना है कि वायरस के म्यूटेशन के कारण इस बार डेंगू शाॅक सिन्ड्रॉम लोगों को हो रहे हैं। हाल में उन्होंने 3 ऐसे मरीजों का इलाज किया जो इस सिन्ड्रॉम के शिकार हुए थे और काफी गंभीर स्थिति में अस्पताल में आये थे।
क्या है डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेंगू बुखार के साथ अन्य गंभीर साइड इफेक्ट्स होने पर उसका नाम एक्सपैंडेड डेंगू सिन्ड्रॉम (ईडीएस) दिया है। इसके साथ जुड़ी गंभीरताओं के कारण मौताें की दर इसमें अधिक हो जाती है। इन कॉम्प्लीकेशंस में डेेंगू हैमरेज फीवर और डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम शामिल हैं जिस कारण हार्ट, ब्रेन, लीवर, लंग्स और किडनी समेत मल्टी ऑर्गन फेल्योर होते हैं। डेंगू में आम तौर पर बुखार होते हैं जिनके लक्षणों में तेज ठण्ड लगना, सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टी और रैश शामिल है। हालांकि काफी लोगों की स्थिति गंभीर हो जा रही है जिसे एक्सटेंडेड डेंगू सिन्ड्रॉम कहा जा रहा है।
शरीर में बढ़ जाता है पीसीवी
बेल व्यू अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के स्पेशियलिस्ट डॉ. राहुल जैन ने सन्मार्ग से कहा, ‘डेंगू शाॅक सिन्ड्रॉम से शरीर में पीसीवी (पैक्ड सेल वॉल्यूम) बढ़ जाता है। इससे शरीर की धमनियों और नसों से पानी सीने और पेट में आ जाता है जिस कारण ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। इस कारण ब्लड की आपूर्ति शरीर में कम होने लगती है और ब्लड प्रेशर इतना कम हो जाता है कि लीवर, ब्रेन, किडनी अथवा पैनक्रियास में ब्लड नहीं पहुंचने पर ये अंग काम करना बंद कर देते हैं। पीसीवी पर ध्यान नहीं देने पर मरीज की मौत हो सकती है।’ डॉक्टरों का कहना है कि एक वायरस लंबे समय तक रहने पर उसका म्यूटेशन होना स्वाभाविक है।