दुर्गापुर : दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी) दुर्घटनाओं को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। इस बार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर यह स्थानीय लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं भ्रष्टाचार में शामिल डीएसपी के वित्त विभाग के दो अधिकारियों पीआर मुखर्जी और डी. रॉय को निलंबित कर दिया गया है। इस मुद्दे पर डीएसपी के जनसंपर्क अधिकारी ने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार दुर्गापुर स्टील प्लांट के वित्त विभाग के दो अधिकारियों पर पेंशन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप है। वहीं डीएसपी श्रमिक संगठन की ओर से अभियुक्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। दुर्गापुर स्टील प्लांट प्रबंधन की ओर से दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया गया है। इसमें डीएसपी के वित्त विभाग के डीजीएम और एक डिप्टी मैनेजर रैंक का अधिकारी शामिल है। डीएसपी श्रमिक संगठनों की मानें तो लगभग 3 करोड़ 33 लाख रुपये के गबन का आरोप है। जानकारी के अनुसार उन पर धोखाधड़ी, सरकारी नियमों का आपराधिक उल्लंघन, दस्तावेजों की जालसाजी, फर्जी बिल बनाने और आपराधिक साजिश का आरोप है। शिकायत के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक पेंशन सेक्टर में जरूरत से ज्यादा खर्च दिखाया गया है। वहीं आरोप है कि कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डीएसपी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन के लिए 2020-21 से अब तक 3 करोड़ 33 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया है। सेल के अकाउंटिंग फर्म द्वारा अनियमिताओं का पता लगाने के बाद जांच शुरू की गई है। इसके बाद डीएसपी वित्त विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया। हालांकि आरोपों को लेकर जब प्रतिक्रिया जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग श्रमिक संगठनों ने मामले को लेकर डीएसपी प्रबंधन से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। इस संदर्भ में श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि डीएसपी प्रबंधन द्वारा घटना को लेकर श्रमिक संगठनों को जानकारी नहीं दी जा रही है। दुर्गापुर स्टील प्लांट में पेंशन के नाम पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी से अधिकारी एवं कर्मचारी चिंतित हैं। वहीं जांच के दौरान कुछ और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो शिकायत के आधार पर पुलिस अभियुक्त अधिकारियों को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। इस संदर्भ में पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
दुर्गापुर स्टील प्लांट में करोड़ों की हेराफेरी
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