नियुक्ति घोटाला: 23 हजार से अधिक लोगों को दी जायेगी नोटिस | Sanmarg

नियुक्ति घोटाला: 23 हजार से अधिक लोगों को दी जायेगी नोटिस

कोलकाता: 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में जितने लोगों को नियुक्ति दी गई है उन सभी को नोटिस दी जाएगी। हाई कोर्ट के जस्टिस देवांशु बसाक और जस्टिस शब्बार रसीदी के डिविजन बेंच ने बुधवार को मामले की सुनवायी के बाद यह आदेश दिया। उनकी संंख्या 23 हजार से अधिक है। इसके साथ ही सीबीआई की तरफ से कहा गया कि वह नौ जनवरी को इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।

9 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

बता दें  कि 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में कक्षा 9, 10, 11 और 12 के टीचरों और ग्रुप सी व डी के स्टाफ की नियुक्ति की गई थी। डिविजन बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि उन सभी को दिसंबर माह के वेतन के साथ एक नोटिस देकर चल रहे इस मामले की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे अगर चाहे तो इस मामले में भागीदार बन सकते हैं। नोटिस देने के बाद उनसे हस्ताक्षर भी कराना पड़ेगा, ताकि यह सनद रहे कि उन्हें नोटिस मिल चुकी है। राज्य सरकार को इस मामले में आवश्यक पहल करनी पड़ेगी। इसके साथ ही एक नोडल अफसर की नियुक्ति करनी पड़ेगी जो एफिडेविट दाखिल कर के बताएंगे कि यह प्रक्रिया पूरी हुई है या नहीं। जस्टिस बसाक ने कहा कि इस मामले में कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसका असर शिक्षकों और गैरशिक्षक कर्मचारियों पर पड़ेगा। जो कोर्ट में नहीं आए हैं उन्हें भी बताना जरूरी है कि कोर्ट में मामला चल रहा है। बर्खास्त लोगों की तरफ से बहस करते हुए एडवोकेट कल्याण बनर्जी ने कहा कि बोर्ड क्यों, पिटिशनर नोटिस दें, जिन्होंने मामला दायर किया था। जस्टिस बसाक ने उनसे सवाल किया कि अगर यह साबित होता है कि नियुक्ति गलत तरीके से की गई है तो इस पूरी प्रक्रिया पर आयी लागत को कौन उठाएगा। अगर सीबीआई की चार्जशीट के बाद यह खुलासा होता है कि घोटाला हुआ है तो फिर क्या होगा। एडवोकेट बनर्जी ने आगे दलील देते हुए कहा कि जो लोग इस घोटाले से जुड़े हैं उनकी नौकरी जाए पर सारे लोगों की नौकरी क्यों जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जेल में हैं, मोटी रकम बरामद हुई है, लेकिन क्या किसी ने दावा किया है कि यह रकम टीचर की नौकरी पाने के लिए दी गई थी। इसके साथ ही कहा कि सिंगल बेंच ने बंदूक की नोक पर सारा आदेश दिया है। उनकी बात सुने बगैर बर्खास्तगी की नोटिस थमा दी गई। जस्टिस बसाक ने कहा कि हाई कोर्ट में कुछ कहेंगे और सुप्रीम कोर्ट में कुछ कहेंगे इस तरह का दोहरा स्टैंड नहीं हो सकता है। इस मामले की सुनवायी नौ जनवरी को होगी और इस दौरान एफिडेविट और जवाबी एफिडेविट की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी।

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