पटना : विकास के लिहाज से पिछड़े राज्यों में आने वाले बिहार की तस्वीर अब बदल रही है। राज्य अब अनूकूल नीतियों और कारोबारी सुगमता की वजह से निवेश का आकर्षक स्थल बन रहा है। अदाणी समूह से लेकर कोका-कोला तक ने यहां अरबों डॉलर के निवेश की घोषणाएं की हैं। निवेश के लिए और भी कंपनियां यहां आने वाली हैं। राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा बिहार को एक ऐसे राज्य में बदल रहे हैं जो पूर्वी भारत में निवेशकों के लिए प्रवेश द्वार बन सकता है। उनका कहना है, बिहार की औद्योगिक क्षमता असीमित है। बिहार धारणा का शिकार रहा है। लेकिन अब यह बदल रहा है।
मिश्रा ने कहा, किसी को सचिवालय आने की जरूरत नहीं है। किसी को सरकारी कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। हम जो भी वादा कर रहे हैं, उसे पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पूरी तरह से तैयार लगभग 24 लाख वर्ग फुट औद्योगिक शेड की पेशकश कर रहा है। उसमें सभी प्रकार का बुनियादी ढांचा उपलब्ध है। यह जगह किसी भी उद्योग के लिए निर्धारित दर पर उपलब्ध है। राज्य ने उद्योग स्थापित करने के लिए 3 हजार एकड़ का भूमि बैंक भी बनाया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों के साथ-साथ झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों में कच्चे माल के स्रोतों और खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ लगभग चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।