Reclaim the Night: हजारों की रैली में गूंजा श्यामबाजार, दो पुलिस की हिरासत में | Sanmarg

Reclaim the Night: हजारों की रैली में गूंजा श्यामबाजार, दो पुलिस की हिरासत में

  • कोलकाता : कोलकाता के सरकारी अस्पताल में कथित बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ न्याय की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से हजारों महिलाओं ने ‘रिक्लेम दी नाइट’ अभियान के तहत मध्यरात्रि में मार्च निकाला।
  • दूसरी बार निकला ‘रिक्लेम दी नाइट’ मार्च
    यह अभियान पहली बार 14 अगस्त को शुरू हुआ था, और दूसरी बार बुधवार रात को इसका आयोजन हुआ। मार्च के दौरान कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ अवांछित घटनाएं भी सामने आईं, जिसमें पुलिस ने महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया। इस रैली में समाज के हर वर्ग की महिलाएं, अभिनेता, छात्र, पेशेवर और गृहणियां शामिल हुईं। रैली में राजनीतिक झंडे नहीं दिखे, बल्कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए न्याय की मांग की।
  • सियालदह स्टेशन पर खास नजारा
    कोलकाता के सियालदह स्टेशन पर रैली के दौरान कुछ महिलाओं द्वारा किए गए शंखनाद ने प्रदर्शन को एक नया जोश दिया। पैदल यात्री भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए, जिससे स्टेशन पर अनोखा और भावुक दृश्य उत्पन्न हुआ।
  • राज्यभर में फैला आंदोलन
    यह आंदोलन बरहामपुर, चिनसुराह, शांतिनिकेतन, कृष्णानगर, बर्धमान, सिलीगुड़ी, बारासात, बैरकपुर, राजारहाट-न्यूटाउन, कूचबिहार, माथाभांगा और जलपाईगुड़ी जैसे शहरों में भी देखने को मिला, जहाँ लोग एकजुट होकर पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।
  • दुर्व्यवहार के आरोप में दो गिरफ्तार
    कोलकाता के यादवपुर में 8बी बस स्टैंड पर एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जो शराब के नशे में था। वहीं, गरिया में एक अन्य घटना के दौरान महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप में एक युवक को पकड़ा गया।
  • माथाभंगा में प्रदर्शनकारी पर हमला
    कूचबिहार जिले के माथाभंगा शहर में माकपा के शाखा सचिव प्रद्युत साहा पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया। माकपा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जबकि टीएमसी ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है। 
  • ऋतुपर्णा सेनगुप्ता को करना पड़ा विरोध का सामना
    श्यामबाजार में प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने के बाद अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता को प्रदर्शनकारियों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें पुलिस सुरक्षा के तहत वहां से ले जाया गया। इस प्रदर्शन ने न केवल न्याय की मांग को और बल दिया बल्कि राज्यभर में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने का नया संदेश दिया।
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