गणेशोत्सव की तैयारियों के बीच, हर घर में गणेश चतुर्थी की विशेष तैयारी की जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक गणेश जी की स्थापना करने से आपकी पूजा और कर्म सफल होते हैं। आइए जानें घर में गणपति की स्थापना की सही विधि।
गणेश चतुर्थी पर गणपति की स्थापना की विधि
स्नान और व्रत संकल्प: गणेश चतुर्थी के दिन स्नान के बाद स्वच्छ पीले या लाल कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल की तैयारी: उत्तर-पूर्व दिशा में एक चौकी रखें और उस पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं। बप्पा की झांकी सजाएं और सुगंधित फूल, आम के पत्ते आदि का प्रयोग करें।
प्रतिमा की स्थापना: चौकी पर थोड़े से चावल रखकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। गणपति के दाहिने ओर कलश की स्थापना करें।
कलश की तैयारी: कलश में जल, आम के पत्ते, सिक्का, अक्षत डालें और ऊपर से नारियल रखकर मौली बांध दें।
अर्पण: गणेश जी को कुमकुम, चंदन, हल्दी, सिंदूर, मेहंदी, गुलाल, अक्षत, अबीर, गुलाल, लाल पुष्प, लौंग, इलायची, पान का पत्ता, जनेऊ और नारियल अर्पित करें।
भोग और पूजा: दूर्वा के जोड़ें अर्पित करें और लड्डू या मोदक भोग लगाएं। गणेश चतुर्थी की कथा सुनें और अंत में आरती करें, पुष्पांजलि अर्पित करें, और प्रसाद वितरित करें।
गणेश जी की स्थापना मंत्र
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
अस्यै देवत्वमर्चार्यै मामहेति च कश्चन।
ऊं सिद्धि-बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतयें नम:।
सुप्रतिष्ठो वरदो भव।।
गणेश जी की मूर्ति का चयन
गणपति की बाईं सूंड में चंद्रमा का प्रभाव होता है, जो शांत, सौम्य और सुख-समृद्धि का दायक है।
घर में सिंदूरी रंग की मूर्ति लाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
वास्तु दोष निवारण के लिए श्वेतार्क गणपति (सफेद रंग की मूर्ति) की पूजा भी विशेष लाभकारी होती है।
इस गणेश चतुर्थी, बप्पा की स्थापना विधिपूर्वक करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।