नई दिल्ली : नीट की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई, मंगलवार को पांचवीं सुनवाई में यह आदेश दिया। सीजेआई ने कहा, ‘पूरी परीक्षा में गड़बड़ी होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं।” सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘अगर जांच के दौरान अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसी स्थिति में उसे एडमिशन नहीं मिलेगा।’ अदालत ने नीट से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली और अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है। हालांकि आगे सुनवाई कब होगी यह नहीं बताया है। नीट की काउंसलिंग 24 जुलाई से शुरू हो रही है। सीजेआई ने कहा- हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना रीएग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि सीबीआई जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में 23 जुलाई को सुनवाई की 5 बड़ी बातें
दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज।
मौजूदा स्थिति में, रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह बता सके कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी या परीक्षा के संचालन में पवित्रता भंग हुई थी।
यह सच है कि पेपर लीक हुआ है, इस पर कोई विवाद नहीं है।
ग्रेस मार्क्स वाले 1563 स्टूडेंट्स के लिए दोबारा एग्जाम हो गया है। अब भी किसी की कोई शिकायत है तो वह अपने राज्य के हाईकोर्ट में अपील कर सकता है।