कोलकाता: पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री मलय घटक जूट क्षेत्र में बढ़ते संकट के समाधान को लेकर गुरूवार को जूट मिल प्रबंधन से मुलाकात करेंगे। यूनियनों और मिल मालिकों ने मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है। जूट मिलों के ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को घटक से मुलाकात की और सरकार की ओर से मिलने वाले ‘ऑर्डरों’ में कमी पर चर्चा की। यूनियन प्रतिनिधियों ने जूट आयुक्त कार्यालय से अपर्याप्त खरीद अनुबंधों और आपूर्ति आदेशों के कारण उत्पादन में कटौती के बारे में बताया और उद्योग की मंदी एवं श्रमिकों पर इसके प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की। भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ”हमारी बृहस्पतिवार को राज्य श्रम मंत्री से मुलाकात के दौरान इन चिंताओं को दोहराने की योजना है।” जूट उद्योग को अत्यधिक उत्पादन और विशेषकर खाद्यान पैकेजिंग समेत अन्य कारणों से जूट की बोरियों की घटती मांग के चलते संकट का सामना करना पड़ रहा है। 202122 में वार्षिक मांग 38-39 लाख गांठ से घटकर 2024-25 में अनुमानित 30 लाख गांठ रह गई है, जिसके कारण अधिशेष क्षमता और नौकरियों में कमी आई है।
West Bengal: जूट मिल में काम करने वालों के लिए खास खबर….
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