कोलकाता: ममता सरकार ने रोड टैक्स को लेकर नियमों में बदलाव किया है। परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने पहले निजी और वाणिज्यिक वाहनों के मामले में यात्री टोल संग्रह की समय सीमा में बदलाव की जानकारी दी थी। इस बार विधानसभा में पारित होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी से नये नियम सोमवार से आधिकारिक तौर पर लागू हो गये। नये नियमों के अनुसार अब राज्य सरकार को एक बार में 15 साल का टैक्स देना होगा।
क्या है नया नियम ?
नए नियमों के मुताबिक, सरकार ने निजी वाहनों के मामले में पांच साल का टैक्स एक बार में लेने के बजाय 15 साल का टैक्स एक बार में वसूलने का फैसला किया है। यह दर अधिकतम चौदह सीटों की क्षमता वाली यात्री कारों के संबंध में लागू होगी। 900 सीसी इंजन क्षमता वाले सभी वाहनों के लिए, वाहन की कीमत का 7.5 प्रतिशत या 30,000, जो भी अधिक हो, एक बार में भुगतान करना होगा। अगले चरण में 900 से 1490 CC तक की कारों के मामले में 45 हजार रुपये तक का टैक्स देना होगा। 1490 से 2000 सीसी तक की कारों के मामले में, 60,000 रुपये का एकमुश्त भुगतान करना होगा। 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले वाहनों के मामले में, गाड़ी मालिक को 75,000 रुपये का भुगतान करना होगा। वाणिज्यिक वाहनों के मामले में, कर का भुगतान तिमाही आधार पर करने के बजाय, वर्ष में एक बार करना होगा। इसके अलावा एक बार तीन, पांच और दस साल का समय मिलेगा।
छह टन तक वजन वाले यात्री या माल वाहनों के लिए, एकमुश्त तीन साल की कर छूट 15 प्रतिशत, पांच साल की कर छूट 30 प्रतिशत और दस साल की यात्री कर छूट 40 प्रतिशत तक। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, रोड टैक्स भुगतान की अवधि बदलने से गाड़ी मालिकों को फायदा होगा और सरकार का राजस्व संग्रह बढ़ेगा।