कोलकाता : पैर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं इसलिए पैरों की उचित देखरेख करना हमारा कर्तव्य है। पैरों को आकर्षक बनाये रखने के लिए प्रतिदिन उनकी देखभाल के लिए कुछ समय निकालना आवश्यक है। जैसे हम शरीर की सुन्दरता की नियमित देखभाल करते हैं वैसे ही पैरों की भी देखभाल करनी चाहिए उनकी उपेक्षा न करें।
इन टिप्स को भी आजमाएं:-
● प्रतिदिन नहाते समय पैरों को अच्छी तरह साफ करें। सप्ताह में कम से कम दो बार टब में हल्के गर्म पानी में थोड़ा शैम्पू डालकर पैरों को पन्द्रह मिनट तक डुबो कर रखें ताकि पैरों की थकान और जमी मैल साफ हो जाये।
● हर रोज़ प्यूमिक स्टोन से एड़ी को रगड़ें। पैरों पर ब्रश से जमी धूल हटायें और मृत त्वचा को साफ करें।
● समय-समय पर नाखूनों को सही शेप में काटें। नाखून बहुत अन्दर तक न काटें नहीं तो नाखून मांस में धंसने से तकलीफ देते हैं।
● नाखून के किनारे अधिक पतले न रखें। हल्के से उन्हें फाइल करें।
● नहाने के बाद पैरों को अच्छी तरह सुखायें और बॉडीलोशन या स्किन क्रीम लगाकर पूरे पैर पर अच्छी तरह मलें।
● क्रीम को एड़ी और पंजों पर लगाना न भूलें।
● नाखूनों पर भी क्रीम लगाकर हलके हाथों से मलें और क्यूटिकल्स को अंदर की ओर धकेलें।
● हर कुछ दिन बाद पैर के नाखूनों पर नेल पॉलिश लगायें। नेल पॉलिश लगाने से पूर्व पहले लगी नेल पॉलिश रिमूव करें और क्रीम से नाखूनों की मसाज कर एक दिन के लिए नाखूनों को बिना नेल पॉलिश के छोड़ें। अगले दिन नेलपॉलिश लगायें। पहले एक हल्का कोट लगाएं। सूख जाने पर पुन: उस पर एक और कोट लगायें और सूखने दें।
● पैरों मेें हमेशा जूते-चप्पल अच्छी फिटिंग वाले पहनें जिनके पहनने से पैरों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
● प्रतिदिन मोजे बदलें। मोजे भी ठीक फिटिंग वाले पहनें। मोजे पहनने से पहले पैरों पर थोड़ा पाउडर छिड़क लें।
● पैरों की उंगलियों में कॉर्न्स होने पर, एड़ियों के फटने पर या पैरों के फटने पर डॉक्टर को अवश्य दिखायें और उचित दवा लें।
● कभी-कभी पैरों की उंगलियों के नाखून अंदर की ओर बढ़ने लगते हैं। ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर को दिखाएं।
● टांगों में दर्द होने पर या पैरों में अधिक थकान महसूस होने पर ‘फुट बाथ’ लें। गुनगुने पानी में नमक डालकर कुछ समय तक पैर उसमें डुबाए रखें।
● पैरों में रक्त संचार सुचारु रहे, इसके लिए कुछ व्यायाम करें। पंजों के बल चलें। पैरों के पंजों को अपनी तरफ खींचते हुए पैरों को क्लाकवाइज़ और एंटीक्लॉकवाइज़ चलायें।
● समुद्र पास हो तो समुद्र के किनारे रेत पर नंगे पांव चलें या हरी घास पर भी नंगे पांव चल सकते हैं।
● पैरों के साथ-साथ अपनी टांगों को न भूलें। बाल अधिक होने पर वैक्सिंग कराएं। टांगों की मालिश करते रहें।