कोलकाता : लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पार्टियों को तो वोट मिले ही हैं, इसके साथ ही लोगों ने नोटा पर भी जमकर बटन दबाया है। इस बार चुनाव में पश्चिम बंगाल में 5 लाख से अधिक वोट नोटा को पड़े हैं जो कुल वोट प्रतिशत का 0.87% है। इस बार पश्चिम बंगाल से 5,24,954 लाेगों ने नोटा पर बटन दबाया है। यहां दिलचस्प बात यह है पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ रही दो राजनीतिक पार्टियों बसपा (बहुजन समाजवादी पार्टी) और एआईएफबी (ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक) से अधिक वोट इस बार नोटा को पड़े हैं। बसपा को पश्चिम बंगाल से 0.38% (2,28,652) वोट मिले हैं जबकि फाब को 0.24% (1,43,946) वोट मिले हैं। दोनों राजनीतिक पार्टियों के वोटों का जोड़ भी निकालें तो उससे अधिक वोट इस बार नोटा को पड़े हैं।
यहां सबसे कम और सबसे अधिक वोट नोटा में
नोटा पर सबसे कम वोट रायगंज में पड़ा है। यहां 1940 वोट ही नोटा पर पड़े हैं जबकि सबसे अधिक नोटा में बोलपुर के लोगों ने बटन दबाया। बोलपुर में नोटा को 21,722 वोट पड़े हैं। दूसरे नंबर पर बर्दवान-दुर्गापुर रहा जहां 21,595 लोगों ने नोटा पर वोट डाले। वहीं तीसरे नंबर पर अलीपुरदुआर रहा जहां 21,298 लोगों ने नोटा पर वोट डाले हैं।
कोलकाता उत्तर और दक्षिण पर एक नजर
महानगर के लोगों ने भी नोटा पर वोट दिया है मगर कोलकाता की दोनों ही सीटों पर इसकी संख्या कुछ खास नहीं रही। कोलकाता दक्षिण में 6423 लोगों ने नोटा पर वोटिंग की जबकि कोलकाता उत्तर में 10,044 लोगों ने नोटा पर बटन दबाया।
देश में इंदौर रहा नंबर वन
देश भर में इंदौर ने नोटा को लेकर रिकॉर्ड कायम किया है। इंदौर में दो लाख से अधिक वोट नोटा काे मिल गए हैं। नोटा का सबसे अधिक वोटों का रिकॉर्ड बिहार की गोपालगंज सीट का है। यहां पर नोटा को 51,660 वोट मिले थे। दूसरे क्रम पर पश्चिम चंपारण में 45,609 वोट नोटा को मिले थे, लेकिन दोनों सीटों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा को दो लाख से अधिक वोट मिल गए हैं। इंदौर में पिछले चुनाव में नोटा को पांच हजार वोट मिले थे।
कब लागू हुआ था नोटा
भारत में पहली बार साल 2013 के विधानसभा चुनावों में नोटा के बटन का इस्तेमाल किया गया था। इससे उन मतादातओं को विकल्प मिला था, जो किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते थे। कुल चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में नोटा के बटन का इस्तेमाल हुआ था, जो कि छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्यप्रदेश समेत दिल्ली थे।