लोकतंत्र के उत्सव में बंगाल पर रहा सबसे बड़ा फोकस
कोलकाता : लोकतंत्र के उत्सव में पूरे देश की 33 फीसदी रैलियां बंगाल में हुई हैं। बंगाल में चुनाव आयोग द्वारा लगभग 95,543 राजनीतिक रैलियों की अनुमति दी गयी थी। वहीं देश में सबसे अधिक सात चरणों के चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आयोग ने 2,93,797 रैलियों के लिए अनुमति दी। वहीं इसके लिए 3.76 लाख आवेदन मिले थे। बंगाल में लगभग 1,19,276 आवेदन किए गए और आयोग ने 95,543 रैलियों, जनसभाओं और अन्य प्रकार के प्रचार की अनुमति दी।
देश में सबसे अधिक आवेदन बंगाल से आये
ईसीआई के सूत्रों ने कहा कि आवेदनों और दी गई अनुमति की संख्या देश में सबसे अधिक है। पश्चिम बंगाल राज्य से 42 लोकसभा सांसद चुनकर आते हैं, जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य 80 और महाराष्ट्र 48 सांसदों को लोकसभा के लिए चुनते हैं। ईसीआई के सुविधा पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर 24 परगना में लगभग 10,245 अनुमतियां दी गयीं, जहां लोकसभा सीटें – बशीरहाट, बैरकपुर और बारासात में मतदान हुए।
669 हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल की अनुमति दी गयी थी
अभियान से उभरने वाले आंकड़ों का एक और दिलचस्प सेट हेलीकॉप्टर और हेलीपैड के उपयोग के लिए ईसीआई को किए गए आवेदनों की संख्या है। 890 आवेदनों में से 669 मामलों में चुनाव आयोग ने हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। तृणमूल कांग्रेस को 521 अनुमतियां मिली थीं जबकि भारतीय जनता पार्टी 124 मौकों पर हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर पाई।
भाजपा और तृणमूल ने रिकार्ड रैलियां निकालीं
बंगाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 रैलियों और एक पद यात्रा को संबोधित किया। विपक्ष के नेता शुभेन्दु ने 150 की संख्या में सभाओं व पदयात्रा को संबोधित किया। वहीं मुख्यमंत्री ने 107 की संख्या में रैली और पद यात्रा कीं तथा अभिषेक बनर्जी ने 72 की संख्या में रैलियों और पद यात्रा को संबोधित किया। 42 सीटों के लिए हजारों की संख्या में सभाएं आयोजित हुई हैं। कोई भी प्रत्याशी अपना एक इंच जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। लोकतंत्र की लड़ाई में बंगाल में दोनों पार्टियों ने सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया। यहां की सीटों को हॉट सीट मानते हुए दोनों ओर से अपनी जीत सुनिश्चत करने के लिए सभी ने अपने ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया है।