मोदी तीसरी बार? फैसला आज | Sanmarg

मोदी तीसरी बार? फैसला आज

क्या मोदी करेंगे नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी या होगा वाजपेयी के ‘इंडिया शाइनिंग’ जैसा हश्र?
परिणाम तय करेंगे कई दिग्गजों का भविष्य

भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच मतगणना आज

नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने अठारहवीं लोकसभा के लिए सात चरणों में हुए मतदान की मंगलवार (4 जून) सुबह 8 बजे से शुरू हो रही गणना के सारी तैयारी कर ली है। अपराह्न होते-होते यह लगभग स्पष्ट हो जायेगा कि क्या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे या फिर 2004 की तरह ही कुछ ऐसे चौंकाने वाले नतीजे सामने आयेंगे, जिसकी उम्मीद विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ कर रहा है। अब यह तो महज कुछ घंटों की बात है पर अगर देखा जाये तो नरेन्द्र दामोदार मोदी फिर एक बार प्रधानमंत्री की गद्दी पर एग्जिट पोल की आंखों से बैठते दिख रहे हैं। पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां तृणमूल को करारा झटका लगने का पूर्वानुमान एग्जिट पोल मे विभिन्न एजेंसियों ने किये हैं।

‘एग्जिट पोल’ और विपक्ष के दावे : ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ के पूर्वानुमानों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 400 पार के प्रधानमंत्री मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के करीब दिखाया गया है, वहीं ‘इंडिया’ के लिए 180 सीटों के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। बहरहाल, अब तो नतीजे ही बतायेंगे कि क्या 2014 के बाद से देशभर में लगातार कमजोर होती जा रही कांग्रेस के संगठन और नेतृत्व में भाजपा को चुनौती देने की क्षमता है हालांकि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य प्रचारक राहुल गांधी सहित पार्टी नेताओं ने दावा किया है कि उनके गठबंधन को 295 सीटें मिलेंगी। विपक्षी दलों ने इस चुनाव में अक्सर यह दलील दी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे 2004 के तर्ज पर आयेंगे।

साल 2004 के चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने ‘फील गुड फैक्टर’ और ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा दिया था और प्रचार माध्यमों से एक ऐसा माहौल बनाया गया था कि वह सत्ता में लौट ही रहे हैं लेकिन जब नतीजे आये तो उसे हार का सामना करना पड़ा था।

इस चुनाव में ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ क्रमश: बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस सहित कई क्षेत्रीय दलों के अलावा वाम दलों के भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। ओडिशा में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ ही हुए हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में 2000 से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजद और भाजपा के बीच इस बार कड़ा मुकाबला है। चुनाव के नतीजे शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे क्षेत्रीय दिग्गजों की किस्मत भी तय करेंगे।

 

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