एयरपोर्ट खुला लेकिन क्राॅस विंड ने रोके रखा उड़ानों को, 12 उड़ानें डायवर्ट | Sanmarg

एयरपोर्ट खुला लेकिन क्राॅस विंड ने रोके रखा उड़ानों को, 12 उड़ानें डायवर्ट

एयरपोर्ट पर भारी भीड़, 200 से अधिक उड़ानों को संचालित किया गया

21 घंटे बाद विमान सेवाएं शुरू हुईं सेवाएं

30 हजार से अधिक यात्रियों ने भरी उड़ानें

कोलकाता : 21 घंटे बंद रहने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट ने सोमवार की सुबह करीब 9 बजे उड़ान परिसेवाओं की शुरुआत फिर से कर दी। चक्रवात रेमल के प्रकोप से बचने के लिए ऐसा किया गया था लेकिन एयरपोर्ट पर सोमवार को भी कई उड़ानें प्रभावित रहीं। चक्रवात का असर दूसरे दिन भी जारी रहा जहां तेज हवाओं के कारण उड़ानों का आगमन स्थगित करना पड़ा। कुल मिलाकर, 12 उड़ानों को अन्य एयरपोर्ट की ओर मोड़ना पड़ा, जबकि खराब मौसम की स्थिति कम होने और उतरने के लिए सुरक्षित होने तक कई उड़ानें शहर के ऊपर ही मंडराती रहीं। सुबह में एयरपोर्ट के कर्मचारी सुबह 8.30 बजे तक जलभराव को साफ करने में कामयाब रहे। इस दौरान 200 से अधिक उड़ानों को संचालित किया गया। इनमें कई डायवर्ट रहीं। करीब 30000 की संख्या में यात्रियों ने यात्रा की है। इस दौरान एयरपोर्ट पर काफी भीड़ देखी गयी।

पहली उड़ान पोर्ट ब्लेयर के लिए रही : पोर्ट ब्लेयर के लिए इंडिगो की पहली उड़ान ने सुबह 8.59 बजे उड़ान भरी। गुवाहाटी से इंडिगो की एक उड़ान सुबह 9.50 बजे कोलकाता में उतरने वाली पहली उड़ान थी। प्रारंभ में, कुछ प्रस्थान करने वाली उड़ानों ने नो-शो की सूचना दी और कुछ यात्री एयरपोर्ट के रास्ते में जलमग्न सड़कों पर फंस गए। विपरीत हवाओं ने लैंडिंग को जोखिम भरा बना दिया और स्थितियों में सुधार होने तक उड़ानों को एयरपोर्ट के ऊपर मंडराने के लिए मजबूर किया लेकिन कुछ घंटों तक खराब मौसम बने रहने के कारण उड़ानों को भुवनेश्वर, रांची, गुवाहाटी, वाराणसी और गया की ओर मोड़ना पड़ा।

यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा : कुछ यात्रियों ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाया कि हालात स्थिर होने से पहले एयरपोर्ट ने परिचालन फिर से क्यों शुरू कर दिया। वहीं कुछ अन्य लोग भी थे जिन्होंने इसका विरोध किया कि एयरपोर्ट को अब और बंद नहीं रखा जा सकता था। यात्रियों के चढ़ने के बाद कई प्रस्थान करने वाली उड़ानों को भी टरमैक पर रोक दिया गया।

यात्री संतोष नारायण ने कहा कि हम दोपहर 12 बजे इंडिगो की फ्लाइट में चढ़ गए लेकिन टेक-ऑफ होने का इंतजार कर रहे थे। उड़ान भरने के लिए मौसम साफ होने का लंबा इंतजार करना पड़ा।

 

 

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