कोलकाता : हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पर्यायवरण संरक्षण के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लोगों की जागरुकता और उनकी हिस्सेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। भूस्खलन, ग्लोबल वॉर्मिंग और प्रदूषण के कारण पर्यावण को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है। ऐसे में यदि व्यक्ति अपने स्तर पर भी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रण ले तो हमारी पृथ्वी फलती-फूलती रहेगी। बता दें कि इसका उद़देश्य 20240 तक प्लास्टिक के इस्तेमाल में 60 फीसदी तक गिरावट आ सके।
इस बार क्या थीम है अर्थ डे पर?
इस बार अर्थ डे 2024 का थीम है ‘प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक’ यानी ग्रह बनाम प्लास्टिक। इस थीम का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक के खपत को कम करने के लिए लोगों में जागरुकता फैलाना है। इस साल 54वां पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। पहली बार इस दिन को यूएस सिनेटर और पर्यावरणविद गेयलॉर्ड नेलसन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्टुडेंट डेनिस हेस ने ऑर्गेनाइज्ड किया था। इस दिन को मनाने की शुरूआत पर्यावरण (Environment) को हो रहे नुकसान के प्रति चिंता थी। 22 अप्रैल, 1970 में तकरीबन 2 करोड़ अमेरिकी जल प्रदूषण, तेल के स्त्राव, जंगल में लगने वाली आग और वायु प्रदूषण जैसे संकटों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया, इसके बाद से ही इस प्रदर्शन ने वैश्विक रूप लिया और पर्यावरण को बचाने की तरफ बड़े कदम उठाए जाने लगे।