कोलकाता : मेक इन इंडिया पर केन्द्रीय बजट में खास फोकस हो सकता है। इसके साथ ही बंगाल के उद्यमियों को इस बार के बजट से खास उम्मीद है। इनका कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर भारतीय ब्रांडों को और अधिक बढ़ावा देने में केन्द्र सरकार विशेष पहल कर सकती है। इसके अलावा आम लोगों के लिए भी बजट में कुछ खास होना चाहिए। इसको लेकर कोलकाता के उद्यमियों के क्या विचार हैं आपको बताते हैं।
शुभांकर सेन, एमडी और सीईओ, सेन्को गोल्ड एंड डायमंड्स : बजट में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से यह सुनिश्चित होगा कि कच्चा माल सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपलब्ध हो। यह संभव हो सकता है अगर गिफ्ट सिटी अंतरराष्ट्रीय सोने के आपूर्तिकर्ताओं को प्रतिस्पर्धी मूल्य पर भारतीय निर्माताओं को आपूर्ति करने की अनुमति दे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बहुत प्रतिस्पर्धी मूल्य पर गोल्ड लोन के रूप में सोने की उपलब्धता की आवश्यकता होगी। इस कदम से सोने में डील करने वाली कंपनियों को कारोबार को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। हमारे पास दुनिया के लिए निर्माण के क्षेत्र में अंतर्निहित क्षमता है। बजट में कौशल विकास पर निरंतर ध्यान सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। बजट में भारतीय ब्रांडों और निर्माताओं को बाहर व्यवसाय स्थापित करने में मदद के लिए विशेष वित्तपोषण प्रदान करने पर भी विचार करना चाहिए। इससे ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड को वैश्विक मंच पर ले जाने में मदद मिलेगी।
पवन टिबड़ेवाल, उद्यमी व समाज सेवी : इस अंतरिम बजट में किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए कुछ कल्याणकारी योजनाएं पेश की जानी चाहिए। सरकार से इस बार यह अपेक्षा की जा सकती है कि इस बजट में इन्फ्रा., ग्रामीण अर्थव्यवस्था के ऊपर ज्यादा ध्यान देने का प्रयास रहेगा और मेक इन इंडिया पर भी दबाव रहेगा। यह भी अनुमान है कि सब्सिडी को स्टेप बाई स्टेप समाप्त करने की कोशिश होगी। डायरेक्ट टैक्स की लिमिट को दस लाख रुपया तक बढ़ा देनी चाहिए जिससे कि मध्यम वर्ग के लोगाें को काफी फायदा होगा। सीनियर सिटीजन के लिए ब्याज दर में भी वृद्धि होनी चाहिए। सरकार का इस बार यह प्रयत्न होना चाहिए कि रोजगार में वृद्धि हो।
रमेश जुनेजा, जे सी इंटरनेशनल के चेयरमैन तथा कलकत्ता लेदर कॉम्प्लेक्स टेनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट : 2024 का अंतरिम बजट 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की राह पर केंद्रित हो सकता है। बजट में कृषि, स्वास्थ्य सेवा से लेकर शिक्षा, रेलवे, वित्त, विनिर्माण से ऊर्जा तक जोड़ होना चाहिए। प्रत्येक क्षेत्र आवंटन और सुधारों के लिए अपनी अपेक्षाओं का एक सेट रखता है। राजकोषीय एजेंडा में ये क्षेत्र सामूहिक रूप से एक ऐसे बजट के लिए अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त कर रहे हैं जो विकास, नवाचार और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देता है।
अक्षय बिंजराजका
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट 2024-25 पेश करेंगी। इस संदर्भ में खिलौना क्षेत्र भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कुछ कर संबंधी लाभ चाहता है। भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स (खिलौना उप-समिति) के अध्यक्ष अक्षय बिंजराजका ने कहा कि हम खिलौना व्यापार में स्थानीय विनिर्माण के माध्यम से भारत को विकसित करने की इस बजट में आशा करते हैं। वर्तमान में खिलौना मुख्य रूप से 12% और 18% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आता है, हमें उम्मीद है कि वित्त मंत्री खिलौनों पर जीएसटी का एकल स्लैब बनायेंगी जो 5% या 12% होगा। विनिर्माण और व्यापार उद्देश्यों के लिए खिलौनों के घटकों और सहायक उपकरणों पर आयात शुल्क सभी श्रेणियों में 15% से कम किया जाना चाहिए। अक्षय बिंजराजका को उम्मीद है कि नए खिलौना निर्माताओं को उत्पादन शुरू होने की तारीख से कम से कम 5 साल तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में छूट मिलेगी।
मर्लिन ग्रुप के एमडी साकेत मोहता ने कहा, ‘केंद्रीय बजट से हमें उम्मीद है कि हमारी लंबे समय से अधूरी मांग इस बार पूरी करते हुए रियल इस्टेट को उद्योग का दर्जा दिया जायेगा। रियल इस्टेट देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र है। 2 से 5 लाख रुपये तक के होम लोन के ब्याज में वृद्धि के लिये टैक्स में छूट की उम्मीद भी है। इससे हर वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि बड़े शहरों के मामले में किफायती आवासों की बजट सीमा बढ़ाकर 60-65 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव भी हम देते हैं। इससे लोगों में घर खरीदारी के प्रति रुझान और बढ़ेगा। यह उम्मीद हम करते हैं।