कोलकाता : कोलकातावासियों का सफर अब जल्द ही बेहद आसान होनेवाला है। कोलकाता मेट्रो ने इतिहास रच दिया है। देश में पहली बार किसी मेट्रो ने हुगली नदी के नीचे बनी सुरंग से होते हुए अपना सफर पूरा किया। हुगली नदी तल से 13 मीटर और जमीन से करीब 33 मीटर नीचे से गुजरने वाली 520 मीटर लंबी टनल में दोनों तरफ नीले रंग की लाइट लगाई गई है। इससे पानी के अंदर होने का अहसास होगा। सफर ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए लाइट्स से ही टनल की दीवारों पर मछलियां बनाई गई हैं। यात्री अंडरवाटर एक्वेरियम के बारे में जो भी कल्पना करता है, उसका उदाहरण इस अंडरवाटर मेट्रो में देखने को मिलेगा। इस टनल को बना रहे कोलकाता मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन लि. को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर (ग्रीन लाइन) 16.6 किमी लंबी है। यहां 9.3 किमी यानी साॅल्टलेक सेक्टर 5 से सियालदह तक मेट्रो चल रही है। 4.8 किमी पर दिसंबर में मेट्रो चलना था, लेकिन चीफ कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी के निरीक्षण के बाद उद्घाटन टल गया। मेट्रो रेलवे के जनरल मैनेजर पी. उदय कुमार रेड्डी ने कहा, ‘हावड़ा मैदान से एस्प्लानेड तक का काम पूरा हो गया है। इसमें कुछ खामियां दूर करने का काम किया जा रहा है।
एटीओ और एफसी-पीसी गेट इन्स्टॉल किया
जनवरी के पहले हफ्ते ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के सेक्टर 5 से सियालदह तक मेट्रो में एटीओ (ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम) और एफसी-पीसी गेट को इंस्टाल किया गया है। इससे यात्रियों के लिए मेट्रो के गेट ऑटोमेटिक तरीके से निर्धारित समय पर खुलेंगे और निश्चित समय में बंद होंगे। मेट्रो रेलवे के जीएम पी. उदय कुमार रेड्डी ने कहा, ‘जब पूरा कॉरिडोर चालू हो जाएगा, तब इस सिस्टम को पूरे ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर में लागू किया जाएगा।
45 सेकंड में सुरंग पार कर लेगी मेट्रो
हावड़ा स्टेशन से महाकरन स्टेशन तक 520 मीटर लंबा सफर मेट्रो एक सुरंग के जरिए पूरा करेगी। ट्रेन 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से महज 45 सेकंड में सुरंग पार कर जाएगी। इस सुरंग के माध्यम से, हावड़ा सीधे कोलकाता से जुड़ जाएगा और 7 से 10 लाख लोगों को दैनिक आवागमन की सुविधा मिलेगी। उसका ट्रायल 21 अप्रैल को हो चुका है।