कोरोना विस्फोट : ICU में भर्ती हो रहे ज्यादा मरीज | Sanmarg

कोरोना विस्फोट : ICU में भर्ती हो रहे ज्यादा मरीज

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केरल की स्वास्थ्य मंत्री बोलीं- आने वाले दिनों में यहां भी बढ़ेंगे मामले

नई दिल्ली : कोरोना मामलों में अचानक से बड़ा उछाल देखने को मिल गया है। देश में इस समय कई राज्य फिर कोरोना की वापसी देख रहे हैं। चिंता की बात ये है कि नए वैरिएंट जेएन 1 के कई केस सामने आ गए हैं। इस समय गोवा, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान में नए वैरिएंट के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी मामलों में उछाल देखने को मिला है। कई महीनों बाद गाजियाबाद में भी कोविड के दो केस सामने आ चुके हैं। अब देश में बढ़ रहे मामले तो चिंता की बात है ही, एक खतरनाक ट्रेंड ये भी है कि सिंगापुर में कोविड के नए वैरिएंट ने स्थिति बेहाल कर दी है। वहां पर मामले तो तेज गति से बढ़ ही रहे हैं, इसके साथ-साथ आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। एक आंकड़ा बताता है कि पिछले हफ्ते सिंगापुर में 965 मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं उससे पिछले हफ्ते वो आंकड़ा 763 था। वहीं आईसीयू में भर्ती मरीजों की बात करें तो वहां भी आंकड़ा 23 से बढ़कर 32 हो चुका है।
केरल को लेकर चेतावनी
सिंगापुर में अचानक से जो कोरोना के मामले बढ़े हैं, जानकार उसके लिए नए कोविड वैरिएंट को ही जिम्मेदार बता रहे हैं। अब वही वैरिएंट भारत में भी सक्रिय हो चुका है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने तो आशंका भी जाहिर कर दी है कि आने वाले दिनों में कोरोना के मामले बढ़ने वाले हैं। उनकी तरफ से एक जारी बयान में कहा गया है कि अभी स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है। हमें आने वाले दिनों में और कोरोना मामलों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि सिंगापुर में एयरपोर्ट पर जो चेकिंग हुई है, उसमें 19 भारतीय यात्री पॉजिटिव निकले हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि वो सभी केरल के हैं, अलग-अलग राज्यों से भी मामले आए हैं।
कोरोना से डरने की जरूरत
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा है कि नए वैरिएंट दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है, लेकिन इसकी गंभीरता कम है। यानी कि घर में ही इलाज के बाद कई मरीज ठीक हो रहे हैं, अस्पताल में भर्ती करने की नौबत अभी नहीं आई है। इसके ऊपर जिन लोगों की हाल ही में कोरोना की वजह से मौत हुई भी है, वहां भी उन मरीजों को कई दूसरी गंभीर बीमारी थी। किसी को हार्ट की दिक्कत थी, कोई किडनी की बीमारी से ग्रसित था तो कुछ को तो कैंसर भी था। ऐसे में उन मौतों को भी सिर्फ कोरोना से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है।

 

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