टॉम एंड जेरी का चुलबुला सफर | Sanmarg

टॉम एंड जेरी का चुलबुला सफर

आजकल टीवी पर ढेर सारे कार्टून आ रहे हैं पर एक कार्टून ऐसा है जो हर उम्र के लोगों को सालों से भा रहा है और वह है टॉम एंड जेरी। जेरी की प्यारी सी शरारत और टॉम का जेरी के पीछे हाथ धोकर पड़े रहना, एक दूसरे को चिढ़ाने और मजा चखाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपनाना और एक दूसरे की मदद भी करना, इन दोनों पात्रों की खासियत है जो इंसानों को भी बहुत कुछ सिखा जाती है। कुल मिलाकर इन दोनों की चुलबुली शरारत गंभीर लोगों को भी हंसने को मजबूर कर ही देती है।
ग्रे रंग का हरदम चौकन्ना रहने वाला बिल्ला, जिसकी बड़ी-बड़ी और गुस्साई आंखों से हमेशा शैतानी छलकती है और एक भूरे रंग का छोटा-सा चूहा, जिसकी आंखों में हमेशा शरारत खेलती है।
टॉम एंड जेरी पलक झपकते ही एक दूसरे को सबक सिखाने के लिए एक से बढ़कर एक तरकीब निकाल लेते हैं। कभी टॉम हमलावर है तो जेरी बचाव की रणनीति अपनाता है पर कभी-कभी तो टॉम को ही बचाव नीति का सहारा लेना पड़ता है। एक पल में सारा घर कबाड़ में तबदील हो जाता है।
कमरा ही नहीं, रसोई का सारा सामान, जैम, अंडा, यहां तक कि पूरा का पूरा फ्रिज बाहर निकल आता है और वहां टॉम एंड जेरी धमा चौकड़ी मचा रहे होते हैं। डाइनिंग टेबल पर कप-प्लेट और कप बोर्ड से क्रॉकरी झनाझन चूर होती जाती है। ये करतब देख बच्चों के साथ-साथ बड़ों का भी अच्छा-खासा टाइम पास हो जाता है।
टॉम एंड जेरी की धमा चौकड़ी किसी युद्ध से कम नहीं है। चूहे-बिल्ली की लड़ाई साम दाम दंड भेद की नीति के तहत चलती है। जीत किसकी होगी, यह हर कोई जानता है। टॉम बेचारा कितनी ही बड़ी रणनीति के तहत जेरी से क्यों न लड़े, जीत हमेशा जेरी की ही होती है।
जेरी के रचनाकार उसकी शरारत में कहीं-कहीं कुछ मानवीय गुण दिखा देते हैं जबकि टॉम स्वार्थी और मौका परस्त चरित्र का है। टॉम मजबूत है और जेरी निरीह प्राणी। यही कारण है कि जेरी का पक्ष लेने वालों की संख्या टॉम के चाहने वालों से कहीं ज्यादा है। टॉम एंड जेरी कितना भी पुराना क्यों न हो जाए, हर उम्र को गुदगुदाता है पर सबको गुदगुदाने वाली इस जोड़ी के कुछ गिने-चुने चहेते ही जानते हैं इनके जन्मदाता को। आखिर कौन हैं टॉम एंड जेरी के जनक?
जोसेफ रोलैंड बारबरा और विलियम डेनबी हन्ना, ये दोनों इन प्यारे पात्रों के जनक हैं। बारबरा का 1911 में न्यूयार्क में और विलियम डेनबी हन्ना का 191० में न्यू मैक्सिको के मेलरोज में जन्म हुआ। दो अलग परिस्थितियों और दो अलग परिवेशों से आकर दोनों एक जगह मिले। शुरू में बारबरा एक बैंक में काम करते थे। यहां तक कि कुछ दिनों तक एक कंपनी में उन्होंने अकाउंटेंट का भी काम किया पर 1931 में उन्हें एमजीएम कंपनी के कार्टून विभाग से जुडऩे का मौका मिल गया। यहां भी शुरू के दिनों में बारबरा को पटकथा लिखने का काम दिया गया। बाद में वह एनिमेटर बने।
इसी दौरान बारबरा का परिचय विलियम हन्ना के साथ हुआ। विलियम स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में अपना कैरियर संवारना चाहते थे पर विभिन्न कारणों से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई हालांकि तब उन्हें भी कहां पता था कि इंजीनियरिंग के बजाय एनिमेशन क्षेत्र उनका बेसब्री से इंतजार कर रहा है और यही एनिमेशन क्षेत्र उन्हें दुनिया भर में ख्याति दिलाएगा।
विलियम के हाथों में चित्रकारी का हुनर था। इसी हुनर को काम में लगाने के लिए उन्होंने एक एनिमेशन स्टूडियो में काम करना शुरू किया। यहां 7 सालों तक काम करने के बाद वह एमजीएम कंपनी में चले आए। बस, यहीं से शुरू हो गई बारबरा और विलियम की जुगलबंदी।
1939 में ‘टॉम एंड जेरी’ के नाम से कार्टून शुरू हुआ। इसके बाद तो टॉम एंड जेरी शीर्षक के तहत 18 सालों में दोनों ने मिलकर कोई 200 से भी अधिक एनिमेशन फिल्मों का निर्माण किया। शुरुआती समय से ही दुनियां भर में टॉम एंड जेरी की धमाचौकड़ी की धूम मच गई। बारबरा और विलियम की टॉम एंड जेरी को बेस्ट शॉर्ट सबजेक्ट श्रेणी का आस्कर पुरस्कार मिला। फिर 1957 में बारबरा ने एक अलग कंपनी बनाकर टॉम एंड जेरी को बाजार में देना शुरू किया।
पुराने समय में सिनेमा हॉल में यह कार्टून दिखाया जाता था। बाद के दिनों में टेलीविजन का जमाना आया। अब तो यह कार्टून टीवी के जरिये घर-घर तक पहुंच गया लेकिन जब से कार्टून नेटवर्क की शुरूआत हुई तो इसकी लोकप्रियता में दिन दोगुना और रात चौगुना इजाफा हो गया।
हॉलीवुड के जन्म के बाद से लेकर अब तक लगभग 73 साल होने को चले, टॉम एंड जेरी की लोकप्रियता कुछ कम नहीं हुई। वहीं बिल्ली की चूहे से कभी खत्म न होने वाली दुश्मनी भी जारी है।
टॉम की नजर अपने हरेक शिकार पर है फिर चाहे वह जेरी हो, गोल्ड फिश हो या फिर बत्तख। जेरी कभी टॉम के हाथ तो लगता भी नहीं है और दूसरों को भी लगने नहीं देता। टॉम आज भी अपने शिकारी धर्म को निभाते हुए इसमें प्रयासरत है और जेरी है कि टॉम के हरेक शिकार का बचाव करता फिर रहा है। नरेन्द्र देवांगन (उर्वशी)

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