Bengal Panchayat Election : थमा प्रचार का शोर, कल मतदान | Sanmarg

Bengal Panchayat Election : थमा प्रचार का शोर, कल मतदान

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सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य के 22 जिलों में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के लिये 8 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए गुरुवार की शाम प्रचार थम गया। आखिरी दिन प्रत्याशियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। वहीं दूसरी तरफ चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों ने भी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए पूरी ताकत झोंकी। शनिवार को ग्राम पंचायत की 63,229, पंचायत समिति की 9730 और जिला परिषद की 928 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 44,382 परिसरों में 61336 पोलिंग बूथ स्थापित किए हैं। इनमें से 95 प्रतिशत पोलिंग बूथों पर सीसीटीवी और पांच फीसदी बूथों की विडियोग्राफी किए जाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही शुक्रवार यानी आज से केंद्रीय वाहिनी के जवान और राज्य पुलिस बल नाका चेकिंग और अंतरराष्ट्रीय और आंतरिक सीमा के चेक प्वाइंट पर तैनात रहेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने 4834 पोलिंग बूथ को संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया है। इन बूथों पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने चुनाव के दिन 22 जिलों में 21 विशेष पर्यवेक्षक और 238 सामान्य पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। वहीं पंचायत चुनाव में पहली बार राज्य के 8 जिलों अलीपुरदुआर, बीरभूम, पूर्व बर्दवान, हुगली, मालदह, मुर्शिदाबाद, नदिया और उत्तर दिनाजपुर में 1,566 पिंक बूथ तैयार किए जाएंगे।
चुनाव में विरोधी दल भी भी दे रहे हैं जमकर चुनौती
पंचायत चुनाव में यह शायद पहली बार है जब बंगाल के प्रमुख विरोधी दल के उम्मीदवार सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों को जमकर चुनौती दे रहे हैं। फिर वह चाहे भाजपा हो या फिर कांग्रेस या आईएसएफ। चुनाव की घोषणा के बाद से ही विरोधी दल के उम्मीदवारों ने चुनाव प्रक्रिया में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों को हर स्तर पर चुनौती दी। फिर वह चाहे नामांकन प्रक्रिया हो फिर चुनाव प्रचार। वहीं पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन करने से रोके जाने या फिर जबरन दबाव बनाकर उम्मीदवारी वापस लेने का आरोप लगाते हुए समय- समय पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, भांगड़ से आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी और लेफ्ट फ्रंट के चेयरमैन विमान बोस ने राज्य निर्वाचन आयोग के बाहर प्रदर्शन कर निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा को कठघरे में खड़ा किया।
2018 की तुलना में कम उम्मीदवारों ने पंचायत चुनाव में नामांकन वापस लिया
पिछले पंचायत चुनाव की तुलना में इस बार पंचायत चुनावों के लिए काफी कम संख्या में उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया है। 8 जुलाई को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए केवल 9.03 प्रतिशत उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया, जबकि वर्ष 2018 में 17.66 प्रतिशत नामांकन वापस लिया गया था।

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