2 महीने के अंदर शांतनु और अयन समेत 7 के खिलाफ 113 पेज की चार्जशीट में कई राज खोले ईडी ने
अयन के पास अब तक मिली 23 करोड़ की संपत्ति
पार्थ और शांतनु के बीच सेतु की तरह काम करते थे अयन
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी की टीम ने एसएससी मामले में एक और चार्जशीट पेेश की है। इसमें गिरफ्तारी के 59 दिन बाद शांतनु बनर्जी और 49 दिन बाद प्रमोटर अयन शील समेत कुल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है। गत 10 मार्च को बालागढ़, हुगली के युवा नेता शांतनु को भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया थ। वहीं शांतनु के करीबी प्रमोटर अयन को ईडी ने 20 मार्च को भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। शांतनु और अयन का नाम ईडी की चार्जशीट में है। पार्थ और शांतनु के बीच अयन सेतु की तरह काम करते थे। अयन ने विभिन्न एजेंटों से 45 करोड़ की राशि एकत्र की थी
34 लोगों को बनाया गया है गवाह
ईडी ने सोमवार को अलीपुर सिटी सेशंस कोर्ट में भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सात आरोपियों के खिलाफ 113 पन्नों की चार्जशीट पेश करते हुए कई राज पर से पर्दा उठाया। चार्जशीट में इस मामले में गवाह के तौर पर 34 नाम बताए गए हैं। गत जनवरी में ईडी के अधिकारियों ने बालागढ़ में शांतनु के घर की तलाशी ली थी। ईडी सूत्रों के मुताबिक, शांतनु के घर से 300 नौकरी इच्छुकाें की लिस्ट बरामद हुई थी। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में अधिकारियों ने शांतनु से पूछताछ भी की थी।
इतनी संपत्तियों का अब तक चला पता
इसके बाद अयन के बेटे अभिषेक की भूमिका भी जांचकर्ताओं के ध्यान में आई। ईडी ने हलफनामे में कहा कि अभिषेक और उसकी गर्लफ्रेंड ईमोन संयुक्त रूप से एक पेट्रोल पंप के मालिक हैं। इतना ही नहीं अभिषेक और ईमोन ने मिलकर कोलकाता के बंडेल रोड पर एक फर्म खोला था। उन्होंने इसका नाम ‘फॉसिल्स’ रखा। अब तक जांचकर्ताओं को अयन के नाम पर करीब 10.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, बैंक अकाउंट में 1.90 करोड़ कैश, 22 लाख का शेयर व 63 लाख रुपये के वाहन सहित 23 करोड़ की कुल संपत्तियों का पता चला है।
26 उम्मीदवारों से 1.40 करोड़ की हुई थी वसूली
ईडी को शांतनु के बयान में कई विसंगतियां मिली थीं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने की कवायद शुरू हो गई। गत 3 मई को ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि शांतनु को 300 लोगों की सूची के अलावा 26 नौकरी चाहने वालों की सूची दी गई थी। ईडी के वकील ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि निष्कासित तृणमूल युवा नेता शांतनु ने 26 उम्मीदवारों से नौकरी दिलाने के लिए करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपये लिए थे। ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि पैसा मुख्य रूप से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अवैध भर्ती के लिए दिया गया था। अयन के कार्यालय में लगे कुछ कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क की जांच करने पर पता चलता है कि राज्य में कई नगर पालिकाओं की भर्ती के नोटिफिकेशन हैं। कुछ फोल्डरों में नौकरी चाहने वालों और प्राप्तकर्ताओं के नाम भी थे। ईडी सूत्रों के मुताबिक, भर्ती को लेकर कुछ हाथ से लिखे ‘नोट’ भी मिले हैं।
कैश रुपयों को छिपाने के लिए कंपनी भी बनायी गयी
ईडी ने आगे आरोप लगाया कि शांतनु ने ‘लोटस कंस्ट्रक्शन’ नाम की एक कंपनी के प्रभाव में टेंडर किया और इसके जरिये कई काम करवाये। बाद में उस कंपनी से अपने नियंत्रण वाले खाते में पैसे ट्रांसफर करने का आरोप भी शांतनु पर लगा है। ईडी के वकील ने अदालत को बताया कि आय के स्रोत को छुपाने के लिए शांतनु ने दिहाड़ी मजदूरों के वेतन का भुगतान करने के लिए एक बैंक खाता खोला था और वेतन भोगियों द्वारा हस्ताक्षरित चेक बुक रखी थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि इसके जरिए भी ब्लैक मनी को ह्वाइट किया गया है। जब न्यायाधीश ने पूछा कि पिछले हफ्तों में जांच में क्या प्रगति हुई है, तो जांच अधिकारी ने यह बताया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में कई नगर पालिकाओं की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज अयन के साल्टलेक कार्यालय से प्राप्त हुए हैं।
एसएससी मामला : विभिन्न एजेंटों से अयन ने वसूले थे 45 करोड़, ईडी ने फाइल की चार्जशीट
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