कोलकाता : अधिक वजन उठा लेने से, कहीं चोट लग जाने से, सर्दी ठंडक लग जाने से, फेफड़ों में अधिक सर्दी बैठ जाने से, अधिक ठंडे पदार्थ खाने से, फेफड़ों में कफ जम जाने से पसलियों में दर्द हो सकता है।
उपचार :- इस के लिए कुछ घरेलू उपचार भी हैं :-
सोंठ का काढ़ा :– अढ़ाई तोले सोंठ लेकर कूटें। दो गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छान लें। इस पानी को चार खुराक बना, दिन में 2-2 घंटों के बाद चार बार लें।
लहसुन की कलियां :- लहसुन की पांच कलियां लें। इन्हें छीलें, घी में तलें और भोजन के साथ इन्हें खाएं। प्रात: तथा सायं ऐसी एक एक खुराक लें। पसलियों का दर्द नहीं रहेगा।
मालिश भी :- सरसों के तेल में लहसुन कूट कर डालें और गरम करें। प्रभावी स्थान पर मालिश करें। तीन चार दिन लगातार करने से आराम मिलेगा।
घुटनों का दर्द :- बाई-बादी वाले भोजन खाने से, अधिक चावल खाने से, अपनी भूख से अधिक भोजन करने आदि कारणों से घुटनों में दर्द रहता है। इस दर्द के कारण ठीक से बैठना उठना चलना। कठिन हो जाता है। अपने काम निपटाना मुश्किल हो जाता है। क्रि याशीलता में कमी आती है। सुस्ती छा जाने से दर्द में वृद्धि होती लगती है।
उपचार :- घुटनों के दर्द के लिए निम्नलिखित में से कोई एक या दो उपचार करें।
अखरोट की गिरी :- प्रात: ही खाली पेट 5 अच्छे अखरोट की गिरी खूब चबा चबा कर खाएं। कुछ दिन दोहराएं। आराम आता जाएगा।
नारियल की गिरी :- रोगी प्रतिदिन 8 ग्राम गिरी खाया करें। दिन में दो बार इतनी ही खुराक लें। लाभ होने लगेगा।
मेथी चूर्ण :- एक छोटा चम्मच पिसी मेथी, पानी के साथ रोज खाएं। आराम आने तक लेते रहें।
परहेज :- इस उपचार में रोगी वायु पैदा करने वाले पदार्थ नहीं खाएं अन्यथा रोग बिगड़ता जाएगा।
भोजन की मात्रा घटा दें :- घुटनों की दर्द के रोगी अपनी भूख से आधी चपाती कम खाएं। ऐसा नियम ही बना लें। इससे भी कुछ आराम मिलेगा।