Sharad Purnima 2024: 16 अक्टूबर की शाम 8:40 से शुरू, 17 की शाम 5 बजे तक रहेगी आश्विन मास की पूर्णिमा | Sanmarg

Sharad Purnima 2024: 16 अक्टूबर की शाम 8:40 से शुरू, 17 की शाम 5 बजे तक रहेगी आश्विन मास की पूर्णिमा

कोलकाता: हिंदू धर्म में हर साल आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। शरद पूर्णिमा की रात को बहुत खास माना जाता है क्योंकि इस रात चंद्रमा पूरी तरह चमकता है, यानी चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर पूजा करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है, और चांदनी रात में खीर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। इस दिन मंदिर के दर्शन करने से मन शांत होता है। शरद पूर्णिमा आध्यात्मिक विकास के लिए एक अच्छा अवसर है।

क्यों मनाई जाती है शरद पुर्णिमा?

  1. भगवान कृष्ण का रास: इस दिन की धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की थी। इसी कारण इसे ‘रास पूर्णिमा’ भी कहा जाता है।
  2. माता लक्ष्मी का आगमन: मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं। इस अवसर पर विशेष पूजा-पाठ, स्नान, और दान करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।
  3. अक्षय पुण्य: शरद पूर्णिमा के दिन पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

शुभ मुहूर्त

  • इस साल की तिथि: शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।
  • पूर्णिमा तिथि: इस दिन पूर्णिमा तिथि का आरंभ रात 8:40 बजे होगा और इसका समापन 17 अक्टूबर को शाम 4:55 बजे होगा।
  • चंद्रोदय का समय: चंद्रमा इस दिन शाम 5:07 बजे उगता है, और उसकी उपासना प्रदोष काल में की जा सकती है।

चंद्रमा की रोशनी में खीर का भोग है अनिवार्य

शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ चमकता है। इस रात चंद्रमा की किरणों में अमृतमयी तत्व होते हैं, जो शरीर और मन को शुद्ध करते हैं। शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व है। इस रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की किरणों के प्रभाव से खीर का अमृत रस घुल जाता है। खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के बर्तन में ही रखें, अन्य धातुओं का प्रयोग न करें। इस दिन घर में किसी भी तरह का झगड़ा या कलह नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे घर में दरिद्रता आती है।

शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें

  • चंद्रमा को जल चढ़ाएं और मंत्रों का जाप करें।
  • देवी लक्ष्मी की पूजा करें और धन के लिए प्रार्थना करें।
  • घर में दीपक जलाएं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा आएगी।
  • देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
  • धार्मिक ग्रंथ पढ़ें।
  • जरूरतमंदों को दान करें।

शरद पूर्णिमा के दिन न करें ये काम

  • नकारात्मक विचारों को अपने मन में न आने दें।
  • किसी से विवाद न करें।
  • क्रोध न करें।
  • झूठ नहीं बोलें।

इन बातों का भी रखें ध्यान

  • शरद पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन से बचें, और लहसुन व प्याज का सेवन न करें।
  • काले रंग का प्रयोग न करें और काले कपड़े न पहनें। चमकीले सफेद कपड़े पहनना बेहतर रहेगा।

शरद पूर्णिमा का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम, एकता, और समर्पण का भी संदेश देता है। इस दिन की विशेष पूजा और खीर का भोग हमारे जीवन में सुख-समृद्धि लाने का एक साधन माना जाता है।

Visited 196 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
3
1

Leave a Reply

ऊपर