हावड़ा रोड : 8 ​किलोमीटर की सड़क पर हैं 80 गड्ढे | Sanmarg

हावड़ा रोड : 8 ​किलोमीटर की सड़क पर हैं 80 गड्ढे

potholes Howrah Road

हावड़ा : यदि आप हावड़ा शहर में हैं तो जरा संभलकर चलिए। आहिस्ते चलिए। यहां चप्पे-चप्पे पर हादसों को न्योता है। नजर हटी कि दुर्घटना घटी का स्लोगन यहीं के लिए है। दरअसल यहां की सड़कों पर गड्ढे नहीं हैं बल्कि गड्ढों में ही सड़क है। खासकर हावड़ा नार्थ व बाली विधानसभा के अंतर्गत आनेवाला बेलूड़ का गिरीश घोष रोड हो या फिर जे एन मुखर्जी रोड या सलकिया स्कूल रोड, सबका हाल बेहाल है। इन सड़कों पर हादसे की शिकायतें तमाम हैं। वहीं दुर्गापूजा करीब है मगर इनकी खोजखबर लेनेवाला कोई नहीं है। ऐसे में जब सन्मार्ग की टीम ने सड़क पर गड्ढों की पड़ताल की तो पता चला कि वास्तव में स्थिति भयावह है। बारिश में यह और खतरनाक हो जाता है। दरअसल बारिश में गड्ढों का पता नहीं चलता। दरअसल देखा जाये तो बेलूड़ बाजार से गोलाबाड़ी फ्लाईओवर तक करीब 8 किलोमीटर की सड़क पर छोटे-बड़े कुल मिलाकर 80 से अधिक गड्ढे हैं जो जानलेवा साबित हो रहे हैं। बेलूड़ बाजार से रंगोली मॉल और फिर घुसुड़ी होते हुए गोलाबाड़ी से फ्लाईओवर तक यदि आप गड्ढों से बचते सही सलामत पहुंच गए तो आप खुशकिस्मत हैं। भारी वाहनों ने इन गड्ढों को और विकराल बना दिया है।

 

गोलाबाड़ी से फ्लाईओवर तक रहता है हादसों का डर 

यदि आप रात के समय हावड़ा से गोलाबाड़ी या फिर बांधाघाट जा रहे हैं तो जरा सावधानी से चलिए क्योकि यहां मौजूद गोलाबाड़ी ट्रैफिक गार्ड है जिसके आसपास यानी एकदम गेट के निकट कई गड्ढे हैं। वहीं मुखराम कानोड़िया रोड के निकट रहनेवाले नवीन शर्मा ने कहा कि 200 किलोमीटर के आसपासप करीब 6 से 7 बड़े गड्ढे हैं जो रात को ठीक से नहीं दिखने के कारण खतरनाक साबित हो रहे हैं। हावड़ा फ्लाईओवर जहां से रोजाना हजारों गाड़ियां गुजरती हैं वहां भी ऐसे ही गड्ढे हैं। ऐसे में फ्लाईओवर और सड़क को जोड़नेवाली सड़क पर भी बड़े गड्ढे बने हुए हैं।

बारिश में और जानलेवा हो जाती है सड़क 

डॉनबॉस्को व बजरंगबली के बीच करीब 3 से 4 गड्ढे हैं। चूंकि उस इलाके में कई कारखाने और आवासीय अपार्टमेंट हैं। इसकी वजह से वाहनों की कतारें ज्यादा होती है। लोगों को डर बना रहता है कि कभी कोई बड़ा हादसा न हो जाये। इलाके के रहनेवाली किरण अग्रवाल का कहना है कि उनका छोटा बेटा डॉनबॉस्को में पढ़ता है। ऐसे में इतने गड्ढों से होकर उन्हें अपने बच्चे को लेकर आना जाना पड़ता है।

गुणवत्ता पर उठ रहे हैं सवाल

निगम द्वारा बनायी गयी सड़कों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया जा रहा है। हेमंत सुरोलिया ने कहा कि सड़क बनाकर 3 साल तक चलने का दावा किया जा रहा है, पर सड़क तीन माह में ही खराब हो जाती है।

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